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झारखंड मैथिली पंचांग का लोकार्पण
रांची : पंचांग की गणना सूर्य एवं चंद्रमा के परिचालन के आधार पर किया जाता है. इस आधार पर मिथिला पंचांग शुद्धता एवं पूर्णता के बहुत करीब है. इसलिए यह काफी उपयोगी है. उक्त बातें झारखंड मैथिली मंच के नये पंचांग के लोकार्पण पर मुख्य अतिथि डीआइजी सुधीर कुमार झा ने कही. सेल के पूर्व […]
रांची : पंचांग की गणना सूर्य एवं चंद्रमा के परिचालन के आधार पर किया जाता है. इस आधार पर मिथिला पंचांग शुद्धता एवं पूर्णता के बहुत करीब है. इसलिए यह काफी उपयोगी है. उक्त बातें झारखंड मैथिली मंच के नये पंचांग के लोकार्पण पर मुख्य अतिथि डीआइजी सुधीर कुमार झा ने कही. सेल के पूर्व प्रबंध निदेशक एसएन झा ने कहा कि पंचांग हमारे जीवन को अनुशासित एवं व्यवस्थित बनाता है.
झारखंड सरकार में मुख्य अभियंता सुरेश पासवान ने कहा कि हम जहां भी रहें अपनी संस्कृति को अपनाये रहें. महासचिव भारतेंदु झा ने बताया कि पंचांग के मुख्य पृष्ठ पर मिथिला के महाकवि विद्यापति को पूजन करते हुए तथा महादेव के रूप में चाकर उगना सहित मिथिला विभूति तथा बैद्यनाथ मंदिर के पूर्व सरदार पंडा भवप्रीतानंद ओझा, शौर्य के प्रतीक राजा सलहेश, परमहंस लक्ष्मीनाथ गोसाई की तस्वीर दी गयी है. पंचांग में वर्ष भर के व्रत, त्योहार, महापुरुषों की जयंती की जानकारी के अलावा विवाह, मुंडन, उपनयन, गृहारंभ, गृहप्रवेश, एकादशी व्रत, भदवा की जानकारी दी गयी है.
दूसरे सत्र में कवि गोष्ठी का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभ जय जय भैरवी …. गीत से हुआ. इसके बाद मैथिली, नागपुरी व हिंदी के कवियों ने कविता पाठ किया. कविता पाठ आत्मेश्वर झा, वीणा श्रीवास्तव, औलि मिंज, मुन्ना लाल विश्वकर्मा व कुमार ब्रजेंद्र ने किया. एमिटी विवि के कुलपति डॉ रमन कुमार झा, मंच के अध्यक्ष अरुण कुमार झा, अभय कुमार झा, जयंत झा, संतोष मिश्रा, आलोक तिवारी, संतोष झा, गोपाल झा, दयानंद कुमार, अनीता झा, अर्चना झा, बिट्टू झा, रूपम मिश्रा उपस्थित थे.
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