28.8 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जायरा वसीम छेड़खानी मामला : कितनी सुरक्षित हैं महिलाएं? सुनिए रांची की जुबानी

दिल्ली की निर्भया घटना के बाद राज्य ही नहीं पूरे देश में महिला सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी. केंद्र और राज्य की सरकारों ने सुरक्षा देने के तमाम वायदे किये. कई कानून बने. कानून का कड़ाई से पालन करने की बात भी हुई. लेकिन बीते दिनों दंगल गर्ल के नाम से चर्चित अदाकारा जायरा वसीम […]

दिल्ली की निर्भया घटना के बाद राज्य ही नहीं पूरे देश में महिला सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ी. केंद्र और राज्य की सरकारों ने सुरक्षा देने के तमाम वायदे किये. कई कानून बने. कानून का कड़ाई से पालन करने की बात भी हुई. लेकिन बीते दिनों दंगल गर्ल के नाम से चर्चित अदाकारा जायरा वसीम के साथ फ्लाइट में हुई छेड़छाड़ ने इस सवाल को फिर से खड़ा किया कि आखिर कितनी सुरक्षित हैं महिलाएं?
कड़े कानून और कड़ाई से उनका पालन होने का छद्य आवरण सोचने पर विवश करता है. जब एक सेलिब्रिटी महिला सभ्य समाज की सवारी में खुद को सुरक्षित महसूस नहीं कर रही हैं, तो घर छोड़ दूसरे शहर पढ़ाई करने या जॉब करने निकली आम महिला-लड़की खुद को कितना सुरक्षित मानती होंगी. इस मुद्दे पर लाइफ @ रांची ने शहर की वर्किंग वीमेन, स्टूडेंट्स सहित सामाजिक महिलाओं से बात की. सभी ने एक स्वर में कहा जरूरत केवल कानून बनाने की नहीं बल्कि उसके पालन करने, सोच बदलने की है. कई मांओं ने अपनी चिंता भी जाहिर की.
क्या हुआ था जायरा वसीम के साथ
दंगल गर्ल जायरा वसीम दिल्ली से मुंबई जा रही थीं. यात्रा के दौरान जायरा के ठीक पीछे बैठे एक अधेड़ यात्री ने उसके साथ गलत हरकत की. इंस्टाग्राम पर जायरा ने लिखा, ‘मेरे पीछे बैठा एक अधेड़ उम्र का शख्स कम लाइट का फायदा उठा रहा है. वो अपने पैरों से मेरी गर्दन और पीठ को रगड़ रहा है.
पहले जब मैंने इसका विरोध किया तो उसने फ्लाइट टर्बुलेंस की बात कही, लेकिन बाद में फिर वो इस तरह की हरकत कर रहा है. मैंने कोशिश की कि इस बात का एक वीडियो बना लूं, लेकिन लाइट कम होने की वजह से ये हो न सका.
आम बात है महिलाओं से छेड़खानी
यह घटना केवल सेलिब्रिटी के साथ की नहीं है. आये दिन महिलाएं-लड़कियां इसकी शिकार होती हैं. आधी-आबादी की सुरक्षा की बात करें तो अपनी रांची भी सुरक्षित नहीं के बराबर हैं.
शहर के प्रमुख चौक चौराहों पर भी लड़कियां खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं. सर्कुलर रोड, पुरुलिया रोड, मेन रोड, पीस रोड में लड़कियों और महिलाओं के साथ छेड़खानी सामान्य सी बात है. हालांकि प्रशासन महिलाओं व कॉलेज गोइंग लड़कियों की सुरक्षा को लेकर कई बार प्रयास किये हैं, मगर सभी प्रयास बेमानी ही साबित हुए हैं.
छेड़खानी करने पर लगती है धारा 354
महिलाओं के साथ होनेवाली छेड़छाड़ या उत्पीड़न के मामले जब भी कानूनी तौर पर दर्ज होते हैं, तो पुलिस अक्सर ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज करती है.
क्या है आइपीसी की धारा 354
भारतीय दंड संहिता की धारा 354 का इस्तेमाल ऐसे मामलों में किया जाता है, जहां स्त्री की मर्यादा और मान सम्मान को क्षति पहुंचाने के लिए उस पर हमला किया गया हो या उसके साथ गलत मंशा के साथ जोर जबरदस्ती की गयी हो.
क्या होती है सजा
यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की मर्यादा को भंग करने के लिए उस पर हमला या जोर जबरदस्ती करता है, तो उस पर आइपीसी की धारा 354 लगायी जाती है. इसके तहत आरोपी पर दोष सिद्ध हो जाने पर दो साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है.
महिलाएं कहती हैं
डर तो लगा रहता है
रांची क्वींस की अध्यक्ष पायल जैन कहती हैं कि यह महज मानसिकता का दोष है. कानून तो तमाम तरह के हैं. वह कहती हैं कि कई बार आम लोगाें का सतर्क न रहना भी ऐसी हरकतों का कारण बनता है.
वह कहती हैं कि कानून तो कहने मात्र का रह गया है. यहां तो यह सोचने पर मजबूर करता है कि आखिर कब सुरक्षित महसूस करेंगी लड़कियां. मेरी बेटियां भी बाहर पढ़ाई कर रही हैं. फ्लाइट से आना जाना लगा रहता है़ अब तो उसकी सुरक्षा को लेकर मेरी भी चिंता बढ़ गयी है़ काेई भी मां-बाप अपनी बेटियों को अकेले छोड़ने में डरेगा.
सुरक्षा पर सवाल खड़ा करती है यह घटना
लायनेस क्लब ऑफ रांची सिटी की सचिव पद्मा शर्मा कहती हैं कि यह साधारण घटना नहीं है. दंगल गर्ल के साथ जो कुछ भी हुआ वह काफी पीड़ा दायक है. प्रशासन जिस सुरक्षा का दावा करता है, उस पर यह घटना सवालिया निशान लगाती है. वैसे आज कल क्रू मेंबर का भी स्वभाव सपोर्टिंग नहीं होता है. आम तौर पर फ्लाइट पर होनेवाले ऐसे मामले सामने नहीं आते, पर घटना परेशान करती है.
छात्राएं मानती हैं
सुरक्षा को लेकर विश्वास नहीं होता
रांची कॉलेज से पढ़ाई कर रही विजय लक्ष्मी सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हैं. वह कहती हैं कि मैं हजारीबाग की हूं. रांची में हॉस्टल में रह कर पढ़ाई कर रही हूं. पढ़ाई के लिए घर से बाहर रहना पढ़ रहा है इसलिए अपनी सुरक्षा अपने आप करनी होती है़ ऐसी घटनाओं से युवतियों का आत्मविश्वास डगमगाता है़ सरकार को कड़ी पहन करनी चाहिए.
मदद से मुकरते हैं लोग
संत जेवियर्स से पढ़ाई कर रही छात्रा अश्विनी पांडेय मानती हैं कि इस तरह की घटना में लोग मदद को नहीं आते हैं. कई बार देखने के बाद भी वे मदद करने से मुकरते हैं. कहीं न कहीं यह कानूनी सुरक्षा व्यवस्था के साथ सोच पर सवाल खड़ा करता है. प्रशासन को हर जगह लड़कियों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त इंतजाम करना चाहिए.
वर्किंग वीमेन का है कहना
महिलाएं कहीं भी महफूज नहीं
कांके रोड की कामकाजी महिला शालिनी कहती हैं कि आये दिन रांची में भी महिलाओं के साथ घटनाएं बढ़ रही हैं. केवल छेड़खानी ही नहीं, कई कमेंट्स किये जाते हैं. इस तरह की तमाम घटनाएं हो रही हैं. स्थिति यह है कि महिलाएं कही भी खुद को महफूज नहीं मानती हैं.
अंदर से तोड़ देती है ऐसी घटनाएं
पिस्का मोड़ की ज्योति रोज तिर्की कहती हैं कि बहुत दुख होता है इस तरह की घटनाओं को देख सुनकर. खास कर गांव की लड़कियों के साथ ऐसी घटनाओं से दिल दहल जाता है़ गांव के एेसे कई मामले दबा दिये जाते हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें