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विद्युत नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिति ने की सुनवाई, अध्यक्ष ने कहा उपभोक्ताओं पर बोझ डालने से पहले व्यवस्था दुरुस्त करें

रांची :बिजली उपभोक्ताओं पर नया भार डालने से पहले झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करे. झारखंड विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद ने ये बातें बुधवार को कही. वे होटल अशोका में विद्युत नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिति की अोर से टैरिफ पॉलिसी पर आयोजित चर्चा को संबोधित […]

रांची :बिजली उपभोक्ताओं पर नया भार डालने से पहले झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड अपनी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करे. झारखंड विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद ने ये बातें बुधवार को कही. वे होटल अशोका में विद्युत नियामक आयोग की राज्य सलाहकार समिति की अोर से टैरिफ पॉलिसी पर आयोजित चर्चा को संबोधित कर रहे थे.
डॉ प्रसाद ने कहा कि निगम में बहुत सी कमियां हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. उपभोक्ताओं पर नया बोझा डालने से पहले आयोग को आश्वस्त करना होगा कि आप डिफेक्ट फ्री हैं और सुविधाएं उपलब्ध कराने में पूरी तरह से सक्षम हैं. झारखंड बिजली संचरण निगम और वितरण निगम ने अपने प्रस्ताव को आयोग के सामने रखा. जेयूएसएनएल ने कहा कि वह अपनी आधारभूत संरचना को पूरा करने के लिए जल्द से जल्द बढ़ी हुई दरों का निर्धारण चाहता है. वहीं, आयोग ने कहा कि खामियों को दूर किए और चर्चा कराये बगैर वह इसे मंजूरी देने के पक्ष में नहीं है. बैठक के दौरान संचरण निगम ने राजस्व जुटाने और बिजली घाटा कम करने के लिए दर बढ़ाने की जोरदार सिफारिश की. बैठक में आयोग के सदस्य आरएन सिंह, विधि अधिकारी पी नायक, एस भोय के साथ काफी संख्या में सदस्य उपस्थित थे. आयोग की अगली सुनवाई 22 दिसंबर को देवघर में होगी.
आयोग ने जेयूएसएनएल के प्रस्ताव को खारिज किया : वितरण निगम ने कहा कि वह माह के आधार पर टैरिफ की पुनर्समीक्षा चाहता है. आयोग ने कहा कि वह प्रति यूनिट यानि क्वांटम बेसिस पर ही बढ़ोतरी को मंजूरी दे सकता है. आयोग ने जेयूएसएनएल के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया, जिसमें उसने ट्रांसमिशन लाइन के आधारभूत संरचना में बढ़ोतरी करने के लिए 19 पैसा प्रति यूनिट की जगह 49 पैसा करने का प्रस्ताव अपने सुनवाई के दौरान रखा था. आयोग ने कहा कि इसे स्वीकार कर लेने से उपभोक्ता पर भार पड़ेगा.

ऊर्जा जरूरतें पूरी करने के लिए टैरिफ निर्धारण जरूरी : झारखंड बिजली संचरण निगम लिमिटेड ने आयोग को कहा कि पिछली बार दर की बढ़ोतरी तर्कसंगत नहीं थी. वित्तीय वर्ष 2017-18 में बिहार में ट्रांसमिशन लाइन के विस्तार के लिए मासिक भुगतान के तौर पर 52 करोड़, छत्तीसगढ़ में 68 करोड़, अोड़िशा में 55 करोड़ का भुगतान किया गया है. निगम ने कहा कि राज्य में 62 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ता हैं, वर्ष 2019 तक 100 फीसदी घरों में बिजली पहुंचाना है. इसके लिए बड़ी पूंजी की जरूरत है.

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