इससे पूर्व प्रार्थी ने अदालत को बताया कि अधिक खनन का आरोप लगाते हुए राज्य सरकार की अोर से स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) को नोटिस जारी कर मुआवजा के ताैर पर 1400 करोड़ रुपये भुगतान करने काे कहा गया है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए नोटिस दिया है.
आदेश में कहा गया है कि वैसे लीजधारी, जो पर्यावरण सुरक्षा का प्रमाण पत्र लेने के बाद निर्धारित सीमा से अधिक उत्पादन करते हैं, उन्हें कुल उत्पादन के मूल्य के बराबर सरकार को मुआवजा देना होगा. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के उक्त आदेश के आलोक में 31 दिसंबर तक 1,400 करोड़ रुपये भुगतान का आदेश दिया है. यह भी कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट को उक्त आदेश सिर्फ अोड़िशा के संदर्भ में है. इसे संपूर्ण देश में प्रभावी नहीं माना जा सकता. अोड़िशा में समिति बनी थी. समिति ने सभी पक्षों को सुनने के बाद अपनी रिपोर्ट दी थी, लेकिन झारखंड में वैसी कोई समिति नहीं बनायी गयी.