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करमा-टाटीसिलवे-रामपुर रिंग रोड पर ग्रहण, कौन बनायेगा, पता नहीं
रांची: रांची रिंग रोड फेज वन व टू पर ग्रहण लग गया है. इस हिस्से को कौन बनायेगा, यह तय नहीं हो पा रहा है. पूर्व में टाटा रोड परियोजना के साथ यह शामिल था, लेकिन अब उस परियोजना के साथ इसका बनना मुश्किल है. वहीं, राज्य सरकार की योजना में भी अब तक इसे […]
रांची: रांची रिंग रोड फेज वन व टू पर ग्रहण लग गया है. इस हिस्से को कौन बनायेगा, यह तय नहीं हो पा रहा है. पूर्व में टाटा रोड परियोजना के साथ यह शामिल था, लेकिन अब उस परियोजना के साथ इसका बनना मुश्किल है. वहीं, राज्य सरकार की योजना में भी अब तक इसे शामिल नहीं किया गया है. इस तरह रिंग रोड के 25.55 किमी हिस्से का निर्माण कौन करायेगा, इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है.
अब इस रोड को नये सिरे से बनाने पर विचार हो सकता है. राज्य सरकार के स्तर पर कार्रवाई होने के बाद ही इसका निर्माण हो सकेगा. पूर्व में यह परियोजना रांची-टाटा रोड फोर लेन योजना में शामिल थी, लेकिन लंबे समय बाद भी इसका काम नहीं हुआ है. ऐसे में अब इसे बनाने के लिए फिर से डीपीआर तैयार करना होगा. यानी निर्माण लागत में भी संशोधन करना होगा, क्योंकि अब तक इसकी लागत भी बढ़ गयी है. ऐसे इस क्षेत्र के विशेषज्ञ मानते हैं.
क्या है मामला : शुरू में राज्य सरकार ने रांची के लिए बाइपास रोड के तहत रिंग रोड बनाने का फैसला लिया था. करीब 85 किमी रिंग रोड बनाना था, जो फेज एक से लेकर सात तक बनना था. काम की शुरुआत फेज सात यानी कांठीटांड़ (एनएच 75) से करमा (एनएच 33) तक का काम शुरू कराया गया, जो आज तक पूरा नहीं हुआ. इस बीच सरकार ने रामपुर (नामकुम) से तुपुदाना-नयासराय होते हुए कांठीटांड़ तक तक फेज तीन, चार, पांच व छह का काम शुरू कराया. इसे समय से पूरा भी कर लिया गया. इस बीच फेज वन व टू करमा से टाटीसिलवे होते हुए रामपुर तक सड़क बनाने का आग्रह एनएचएआइ से किया गया. एनएचएआइ ने रांची-जमशेदपुर-महुलिया फोर लेन योजना शुरू की थी. इसी योजना में फेज वन व टू को शामिल कर लिया गया, पर न तो टाटा रोड बना और न ही रिंग रोड का यह हिस्सा. लोग आज भी इस मार्ग के बनने का इंतजार कर रहे हैं.
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