रांची: केजीवीके द्वारा संचालित शालिनी अस्पताल रु क्का और नारायण सोसो की ओर से गर्भवती महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है. इसके लिए मोबाइल और स्काइप कॉल सेवा का प्रयोग किया जा रहा है. संस्थानिक प्रसव को बढ़ावा देने और प्रसव से पहले जांच के प्रति गर्भवती महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है.
केजीवीके के स्वास्थ्य विभाग में कार्य कर रहे कम्युनिटी हेल्थ वर्करों को मोबाइल की सुविधा दी गयी है. इसका इस्तेमाल करके गर्भवती महिलाओं को परामर्श और जागरूक किया जाता है. शालिनी अस्पताल और कॉम केयर दिमागी संस्था के सहयोग से संचालित इस कार्यक्र म में कॉम केयर द्वारा मोबाइल एप्लिकेशन सुविधा दी गयी है. इस सेवा में गर्भवती महिलाओं का चयन करके चिकित्सकों से बात करायी जाती है. ग्रामीण महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच के लाभ, घर में प्रसव कराने से आने वाली परेशानी और अस्पताल में प्रसव होने से मिलने वाले सरकारी लाभ से भी अवगत कराया जाता है.
फोन पर ही निबंधन करके महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच से जुड़े विभिन्न स्तरों पर मिलने वाली सुविधाएं बतायी जाती है. समय-समय पर महिलाओं को फोन भी किया जाता है. केजीवीके के हेल्थ मैनेजर राणा विकास ने बताया कि शालिनी अस्पताल द्वारा रांची के अनगड़ा, सिल्ली, ओरमांझी और कांके प्रखंड में सूचना सेवा के तहत महिलाओं को जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है. गांवों में यातायात कि सुविधा का अभाव होने के कारण भी संस्थानिक प्रसव की दर में गिरावट का प्रमुख कारण है. महिलाओं का समूह बना कर एंबुलेंस सेवा के माध्यम से उन्हें अस्पताल में जांच और परामर्श सेवा दी जाती है.
केजीवीके के हेल्थ विभाग द्वारा गांवों में सास-बहू सम्मलेन और नव दंपति सम्मलेन आयोजित करके भी जागरूकता फैलायी जा रही है. मलेरिया के क्षेत्र में शोध को बढ़ावा देने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन, अमेरिका द्वारा शालिनी अस्पताल नारायण सोसो में एक रिसर्च लेब्रोटरी स्थापित की गयी है.