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2016 में 27.9 करोड़ के सामान और नकद चोरी, 22 करोड़ खा गये चोर

रिपोर्ट. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से जारी िकये गये आंकड़े झारखंड में घरेलू नौकरानी व जबरन काम कराने के लिए होती है मानव तस्करी रांची : झारखंड में वर्ष 2016 में 27.9 करोड़ रुपये की संपत्ति की चोरी हुई. लेकिन अनुसंधान के दौरान पुलिस ने सिर्फ 5.9 करोड़ की संपत्ति ही बरामद की. […]

रिपोर्ट. नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की ओर से जारी िकये गये आंकड़े
झारखंड में घरेलू नौकरानी व जबरन काम कराने के लिए होती है मानव तस्करी
रांची : झारखंड में वर्ष 2016 में 27.9 करोड़ रुपये की संपत्ति की चोरी हुई. लेकिन अनुसंधान के दौरान पुलिस ने सिर्फ 5.9 करोड़ की संपत्ति ही बरामद की. बरामदगी का प्रतिशत 21.2 प्रतिशत रहा. बरामदगी के आंकड़ों से स्पष्ट है कि चोर करीब 22 करोड़ की संपत्ति खा गये. इसकी पुष्टि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा तैयार आंकड़ों से होती है.
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2014 में 46.4 करोड़ की चाेरी और बरामदगी 6.9 करोड़ की हुई थी. वहीं वर्ष 2015 में 33.8 करोड़ की चोरी और 7.9 करोड़ रुपये बरामद किये गये थे. इसके अलावा वर्ष 2016 में कुल 479 बच्चे लापता हुए जबकि वर्ष 2015 में यह आंकड़ा 529 था.
मानव तस्करी के 83 आरोपी हुए गिरफ्तार, सजा किसी को नहीं मिली : वर्ष 2016 में मानव तस्करी से संबंधित 109 मामले दर्ज हुए. इनमें 18 वर्ष से कम उम्र के लोगों की संख्या 90 थी जबकि युवतियों की संख्या 72. इन मामलों में 20 मामले बंधुआ मजदूरी के, दो मामले शारीरिक शोषण के, 18 मामले घरेलू नौकरानी और तीन मामले शादी के थे.
इस दौरान मानव तस्करी के शिकार कुल 55 लोगों को बचाया गया, जिनमें 36 युवतियां थी. मानव तस्करी के मामलों में पुलिस ने कुल 83 लोगों को गिरफ्तार किया. 75 लोगों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट भी दायर की गयी. लेकिन पुलिस न्यायालय में किसी को सजा नहीं दिला सकी.
भ्रष्टाचार के मामले बढ़े, एससी-एसटी के मामलों में भी इजाफा
झारखंड में वर्ष 2015 की अपेक्षा 2016 में भ्रष्टाचार को लेकर दर्ज मामलों की संख्या बढ़ी है. आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में झारखंड में भ्रष्टाचार के 119 मामले दर्ज हुए. वहीं वर्ष 2015 में 76 और वर्ष 2014 में यह आंकड़ा 37 रहा था. लेकिन पुलिस के पास भ्रष्टाचार से संबंधित 192 मामले अनुसंधान के लिए लंबित रह गये. एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार झारखंड में एससी-एसटी के मामलों में बढ़ोतरी हुई है.
वर्ष 2016 में एससी-एसटी एक्ट में 280 मामले दर्ज हुए जबकि वर्ष 2015 में 266 मामले दर्ज हुए थे. झारखंड में 60 वर्ष और इससे ऊपर के बुर्जुगों के खिलाफ भी आपराधिक मामले बढ़े हैं. एनसीआरबी के अनुसार वर्ष 2016 में बुर्जुगों के अपराध से संबंधित 56 मामले दर्ज किये गये. जबकि यह आंकड़ा वर्ष 2015 में महज 06 था. इसी तरह बच्चों से आपराधिक घटनाओं से संबंधित 717 मामले 2016 में दर्ज किये गये जबकि वर्ष 2015 में यह आंकड़ा 406 था. इस तरह बच्चों के खिलाफ अापराधिक मामलों में करीब 43 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
अपहरण, आर्थिक अपराध और हत्या के मामले घटे
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में अपहरण के कुल 1309 मामले दर्ज हुए. जबकि यह आंकड़ा 2015 में 1402 रहा था. वहीं हत्या के 1514 मामले 2016 में दर्ज हुए जबकि 2015 में यह आंकड़ा 1536 था. महिलाओं के खिलाफ भी होनेवाले अपराध में 16.97 प्रतिशत कमी आयी है.
वर्ष 2016 में महिलाओं के खिलाफ अपराध से संबंधित 5453 मामले दर्ज हुए, जबकि 2015 में 6568 मामले दर्ज हुए थे. वर्ष 2016 में पुलिस ने 266 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया, जिनमें 121 के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट दाखिल की गयी. इनमें 22 आरोपियों को न्यायालय की ओर से सजा सुनायी गयी.
गंभीर अपराध में 36483 हुए गिरफ्तार
एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में संगीन अपराध के मामलों में कुल 36483 लोग गिरफ्तार किये गये, जिनमें 1492 महिलाएं थी. इसी तरह गिरफ्तार लोगों में 18 वर्ष से कम उम्र की संख्या 124, 18 से 30 वर्ष के बीच 13058, 30 से 45 वर्ष के बीच 17852 लोग, 45 से 60 वर्ष के बीच 5370 और 60 वर्ष से अधिक उम्र के 79 लोग गिरफ्तार किये गये थे. गिरफ्तार लोगों में 507 लोग आदतन अपराधी थे. 7490 लोग पहली बार गिरफ्तार किये गये थे, जबकि 2248 लोग दूसरी बार. इस दौरान 16847 मामले न्यायालय में निबटाये गये. थानों में 40080 मामले निबटाये गये, जबकि 28690 मामले लंबित रह गये.

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