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इस साल 28 लाख से ज्यादा युवा बने अभाविप के सदस्य
रांची : अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री रोहिन राय ने बताया कि इस साल देश भर में परिषद की सदस्यता 28,13,543 हुई है. फिलहाल देश भर में 3555 इकाई, 8191 संपर्क स्थान व 1661 विस्तार केंद्रों पर विद्यार्थी परिषद अपना कार्य कर रही है. महाविद्यालय स्तर पर परिषद की 6080 इकाईयां कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि […]
रांची : अभाविप के राष्ट्रीय महामंत्री रोहिन राय ने बताया कि इस साल देश भर में परिषद की सदस्यता 28,13,543 हुई है. फिलहाल देश भर में 3555 इकाई, 8191 संपर्क स्थान व 1661 विस्तार केंद्रों पर विद्यार्थी परिषद अपना कार्य कर रही है. महाविद्यालय स्तर पर परिषद की 6080 इकाईयां कार्यरत हैं. उन्होंने बताया कि परिषद की 85 छात्राएं समाज के कार्य के लिए घर से निकलती हैं. विस्तारक के रूप में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर समाज का कार्य कर रही हैं.
परिषद देश के सुदूर इलाकों मे भी सक्रिय है. जहां पहुंचना संभव नहीं है, वहां भी परिषद के कार्य का विस्तार हुआ है. उन्होंने बताया कि शैक्षणिक, राष्ट्रहित व समाज हित के मुद्दे को खड़ा कर समाधान के साथ परिषद सामने आयी है. इस वजह से शहर से लेकर गांवों तक यह फैली है. इस साल दमन, सिलवासा, अंडमान, पुडुचेरी, सिक्किम, लद्दाख आदि जगहों पर भी नये छात्रों को जोड़ने के लिए सदस्यता अभियान चलाया गया है. श्री राय शुक्रवार को मोरहाबादी में पत्रकारों से बात कर रहे थे. कार्यक्रम को सफल बनाने में एबीवीपी झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष डॉ पंकज कुमार, महानगर अध्यक्ष डॉ पंपा सेन विश्वार, व्यवस्था प्रमुख आशीष आनंद आदि जुटे हुए हैं.
राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं केरल में : सनुप
एबीवीपी केरल प्रांत के उपाध्यक्ष सनुप ने कहा कि केरल में लोकतंत्र नहीं है. वहां लगातार राजनीतिक हत्याएं हो रही हैं. राष्ट्रवादियों के ऊपर अत्याचार हो रहे हैं. उनके ऊपर भी हमले किये गये थे, जिसमें उनकी एक आंख क्षतिग्रस्त हो गयी.
उन्होंने बताया कि 11 नवंबर को वहां के सरकार के विरुद्ध एबीवीपी ने 50 हजार छात्रों की रैली निकाली थी, जो अपने आप में अद्भुत रही. उन्होंने कहा कि राष्ट्रवादी विचारधारा के लिए काम करनेवाले कार्यकर्ताअों का वहां लगातार शोषण किया जा रहा है. परिषद इन मुद्दों को लेकर देश के शहरों में एक जनजागरण अभियान चलायेगी और केरल सरकार की क्रूरता बतायेगी.
लड़ाई हर एक से, जो राष्ट्र का सम्मान न करे : निधि
जेएनयू की छात्र नेता निधि त्रिपाठी ने कहा कि उनकी लड़ाई हर एक से है, जो राष्ट्र का सम्मान न करे. उन्होंने कहा कि आज एबीवीपी को आम छात्र भी सहयोग कर रहा है. भागलपुर के कॉलेजों में चुनाव हुए, इसमें राष्ट्रवाद के कारण एबीवीपी की जीत हुई. जहां वामपंथियों का क्षेत्र था, वहां भी एबीवीपी का खाता खुला. कर्नाटक, त्रिपुरा में भी जीत हासिल की है.
कहा कि जेएनयू में वह 2017 में अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ी थीं. वामपंथी के साथ सारे लोग एकजुट हुए, तो उन्हें 1500 वोट मिले, जबकि अकेले एबीवीपी को 1000 वोट मिले. देश विरोधी नारे से विद्यार्थी एकजुट हुए और एबीवीपी के पक्ष में हुए.
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