रांची : आज देश में शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव आया है. तकनीकी रूप से भी देश बदल रहा है. समाज बदल रहा है. विद्यार्थी परिषद में भी नये बदलाव हो रहे हैं. हमारे काम करने के तरीके भी बदल गये हैं.
परिषद एक वैचारिक आंदोलन है. राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री के रघुनंदन शु्क्रवार को परिषद में अभाविप : नयी दृष्टि, नया स्वर विषय पर अपनी बातें रख रहे थे. उन्होंने कहा कि परिषद का इतिहास है कि पांच सालों में संगठन को किस तरह से आगे बढ़ाना है, इस पर चर्चाएं होती हैं. इस पर चर्चा होना कोई नयी बात नहीं है.
वर्ष 1990 के बाद शिक्षा के क्षेत्र में नये-नये प्रयोग शुरू हो गये हैं. ऐसे में अब समय आ गया है कि परिषद के सारे कार्यकर्ताओं को परिषद की कार्य पद्धति के बारे में बताया जाये. परिषद की हरेक इकाई स्थायी रूप से होनी चाहिए. यही नहीं, स्थायी के साथ-साथ आकर्षक, प्रभावी व गतिशील भी हों. कार्यकर्ताओं को बताना चाहिए कि परिषद की आत्मा क्या है?
माइक्रोसाॅफ्ट कंपनी के सीइओ द्वारा कही गयी बातों की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि परिषद में भी रिफ्रेश बटन डालना चाहिए, जिससे कार्यकर्ताओं में नयी स्फूर्ति आये. परिषद की विचारधारा को समझना चाहिए. उसके प्रस्तुतीकरण पर चर्चा होनी चाहिए. कार्यक्रम में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सारे पदाधिकारी समेत विद्यार्थी मौजूद थे.