कार्यकारिणी की बैठक में तीन प्रस्ताव पारित किये गये. वहीं, रोजगार की संभावनाओं पर भी चर्चा हुई. वक्ताओं ने कहा कि रोजगार की संभावनाओं वाले क्षेत्र जैसे फार्मास्यूटिकल, इंटरटेनमेंट इंडस्ट्रीज की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए शैक्षणिक संस्थान भी खुले ताकि, ज्यादा से ज्यादा रोजगार उत्पन्न हो सके.
इसके अलावा तेजी से बढ़ती भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए चीन की आर्थिक विस्तारवादी नीति एक चुनौती है. एेसे में युवाओं से स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का आह्वान किया गया. परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ नागेश ठाकुर ने कहा कि पिछले दिनों परिषद का एक प्रतिनिधिमंडल के कस्तुरी रंगन से मिला और उन्हें नयी शिक्षा नीति पर प्रस्ताव सौंपा. श्री रंगन ने प्रस्ताव की सराहना की. डॉ नागेश ने कहा कि विश्वविद्यालयों व शिक्षण संस्थानों में काफी सुधार की आवश्यकता है.
जनजातीय समाज के योगदान व उनके विकास पर अधिवेशन में प्रस्ताव भी लाया जायेगा. केरल में हुई कार्यकर्ताओं की रैली की सराहना की. कहा कि यह रैली वामपंथी हिंसा के खिलाफ थी. जहां कार्यकर्ताओं की निर्मम तरीके से हत्या कर दी गयी. उन्होंने आह्वान किया कि इन कुकृतियों को उजागर कर इन्हें कुचलने का काम किया जायेगा. वहीं, राष्ट्रीय मंत्री मोनिका चौधरी ने वैश्विक अर्थजगत में भारत का बढ़ता प्रभुत्व विषय पर अपनी बातें रखीं.
इस दौरान ऑल आउट ऑपरेशन में नक्सली नेताओं द्वारा आत्मसमर्पण या चीन द्वारा पेश की जा रही सुरक्षा चुनौतियों को प्रस्ताव में जोड़ने पर चर्चा की गयी. बैठक में स्वागत समिति के अध्यक्ष अमिताभ चौधरी, महापौर आशा लकड़ा, उप महापौर संजीव विजयवर्गीय,डॉ पंकज कुमार, व्यवस्था प्रमुख आशीष आनंद,कौशल शर्मा व महानगर अध्यक्ष डॉ पंपा सेनविश्वास समेत काफी संख्या में कार्यकारिणी के पदाधिकारी शामिल थे.