उल्लेखनीय है कि वर्ष 1991-92 के दौरान आर्थिक विषयों पर श्री राय के आलेख नियमित स्तम्भ के रूप में नवभारत टाइम्स में प्रकाशित होते थे़ उस स्तम्भ के 25 साल पूरे होने पर ‘प्रभात प्रकाशन’ ने पुस्तक के रूप में इसे प्रकाशित किया है़.
इन लेखों के संकलन और संपादन में बिहार के वरिष्ठ पत्रकार और संप्रति जगजीवन राम संसदीय शोध संस्थान के निदेशक श्रीकांत एवं पत्रकार आनंद कुमार ने सहयोग किया है. पुस्तक की भूमिका आद्री के सदस्य सचिव डॉ गुप्ता ने लिखी है. नवभारत टाइम्स के तत्कालीन संपादक अरुण रंजन की टिप्पणी भी पुस्तक में संकलित है. इससे पूर्व भी श्री राय की तीन पुस्तकें आ चुकी हैं. ये पुस्तक हैं ‘अभिव्यक्ति’, ‘मधु कोड़ा : लूट राज’ और ‘चारा चोर : खजाना चोर’.