रांची. स्नातक प्रशिक्षित संयुक्त शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा की पहली पाली में गणित-भौतिकी विषय की परीक्षा में सेट डी के प्रश्न संख्या-39 का कोई भी विकल्प सही नहीं था. त्रिकोणमिति का हाइपरबोलिक फंक्शन व कॉप्लेक्स नंबर सिलेबस में नहीं था, लेकिन इससे प्रश्न पूछे गये थे. भाैतिकी में न्यूमेरिकल से परीक्षार्थी परेशान रहे. भाैतिकी में कुल […]
रांची. स्नातक प्रशिक्षित संयुक्त शिक्षक प्रतियोगिता परीक्षा की पहली पाली में गणित-भौतिकी विषय की परीक्षा में सेट डी के प्रश्न संख्या-39 का कोई भी विकल्प सही नहीं था. त्रिकोणमिति का हाइपरबोलिक फंक्शन व कॉप्लेक्स नंबर सिलेबस में नहीं था, लेकिन इससे प्रश्न पूछे गये थे. भाैतिकी में न्यूमेरिकल से परीक्षार्थी परेशान रहे. भाैतिकी में कुल 75 प्रश्नों में से 45 प्रश्न न्यूमेरिकल्स थे. यह जानकारी परीक्षा लिखने के बाद कई अभ्यर्थियों ने दी.
अभ्यर्थियों के अनुसार भूगोल विषय के प्रश्न कठिन थे. कई प्रश्न आयोग द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम से बाहर के पूछे गये थे. काफी संख्या में आंकड़ों से संबंधित प्रश्न पूछे गये थे, जिससे अभ्यर्थी परेशान रहे. कई प्रश्नों ने भूगोल के अभ्यर्थियों को चक्कर में डाल दिया. ऐसा ही एक प्रश्न पूछा गया था कि देश में प्रति व्यक्ति लोहे की खपत कितनी होती है.
उधर, द्वितीय पाली में हिंदी के बुकलेट-सी में प्रश्न संख्या-चार 43, 142 में व्याकरण की अशुद्धियां थीं. प्रश्न बहुवचन, जबकि उसका विकल्प एकवचन में था. एक प्रश्न था कि झारखंड में संताली किस राज्य में बोली जाती है. डॉ सी भास्कर राव ने हिंदी में प्रचुर लेखन किया है. वह किस राज्य से हैं. इस प्रश्न के सभी विकल्प में झारखंड के जिले का नाम था. कई प्रश्नों में व्याकरण संबंधी अशुद्धियां थीं.