रांचीः समाजवादी जन परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री सह अर्थशास्त्री सुनील का सोमवार को एम्स में देहांत हो गया. चार दिन पहले इनके मस्तिष्क में रक्तस्राव और पक्षाघात के बाद भोपाल में ऑपरेशन हुआ था. बाद में इन्हें दिल्ली के एम्स लाया गया था. इनकी उम्र 54 वर्ष थी. मेघावी छात्र सुनील ने जेएनयू से अर्थशास्त्र में एमए की थी.
पढ़ाई के बाद वे मध्यप्रदेश के होशंगाबाद जिले के आदिवासी बहुल क्षेत्र केसला के एक गांव में बस गये. उस इलाके के गरीबों, आदिवासियों और महिलाओं को तवा बांध से होनेवाले विस्थापन और शोषण के खिलाफ जागृत और संगठित किया. पूरे भारत में संगठन के लिए काम किया. समता युवजन सभा और समता संगठन से शुरुआत कर स्वर्गीय किशन पटनायक के नेतृत्व में काम करते हुए वर्ष 1995 में समाजवादी जन परिषद् की स्थापना में योगदान दिया. स्वर्गीय किशन पटनायक द्वारा स्थापित बौद्धिक पत्रिका सामयिक वार्ता के लेखन तथा संपादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी.
वे आर्थिक और राजनीतिक विषयों के प्रखर वक्ता थे और उनके हिंदी और अंगरेजी में लेख विभिन्न माध्यमों जनसत्ता, इंडियन एक्प्रेस, हिंदू जनता, प्रभात खबर, सामयिक वार्ता आदि में नियमित छपते थे. परिषद के प्रदेश अध्यक्ष चंद्र भूषण चौधरी ने बताया कि वह अपने पीछे पत्नी स्मिता और दो बच्चे बेटी शिऊली और पुत्र इकबाल को छोड़ गये हैं. स्व सुनील की स्मृति में 23 अप्रैल को शाम तीन बजे से भारती हॉस्पिटल परिसर, कोकर में शोकसभा का आयोजन किया गया है.