उन्होंने कहा कि बैंक लघु और सूक्ष्म उद्योगों को अधिक से अधिक कर्ज दें. कहा कि बैंकों के शाखा प्रबंधक इस तरह के ऋण प्रस्तावों को ज्यादा नहीं लटकायें. क्योंकि केंद्र सरकार की तरफ से लघु और सूक्ष्म औद्योगिक इकाईयों को वित्तीय सहायता दिये जाने पर अधिक जोर दिया जा रहा है. इसलिए प्राथमिकता के आधार पर ऐसे कर्ज स्वीकृत किये जायें, क्योंकि इससे रोजगार सृजन के क्षेत्र में सहायता मिलती है.
श्री बारला ने कार्यशाला में शामिल 60 अधिकारियों और कर्मियों को पारदर्शिता के साथ जवाबदेही निभाने का आह्वान किया. इस मौके पर राजेश तिवारी, गौतम प्रकाश, यशवंत आचार्य, नितिन कुमार, श्रद्धा टोपनो, संतु कुमार बरनवाल, अभिषेक कुमार, दिव्य कांति मंडल सहित अन्य मौजूद थे.