कैदियों के भोजन मद में 1.5 करोड़ की वृद्धि
रांची : झारखंड के कैदी इस साल 36.20 करोड़ रुपये का खाना और 1.30 करोड़ रुपये की दवा खायेंगे. सरकारी आंकड़ों के अनुसार कैदियों के खाने पीने पर औसतन 1.5 करोड़ रुपये प्रति वर्ष की दर से वृद्धि हो रही है. राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार वित्तीय वर्ष 2012-13 में राज्य की सभी जेलों के कैदियों के खाने पर 32.82 करोड़ रुपये का खर्च हुआ था.
दवा पर 1.16 करोड़ रुपये खर्च हुए थे. यानी कैदियों के खाने-पीने और दवा पर कुल 32.82 करोड़ रुपये का वास्तविक खर्च हुआ था. सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के दौरान कैदियों पर कुल 37.5 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान रखा है. इसमें से 36.20 करोड़ रुपये खाने पर और 1.30 करोड़ रुपये दवा पर खर्च होने का अनुमान है. कैदियों के खाने-पीने और दवा पर सबसे ज्यादा खर्च सेंट्रल जेलों में होता है. वर्ष 2012-13 में सेंट्रल जेल के कैदियों के खाने पर 15.96 करोड़ रुपये और दवा पर 49.55 लाख रुपये खर्च हुए थे.
इस साल सेंट्रल जेल के कैदियों के खाने के खर्च में करीब तीन करोड़ रुपये की यानी 18 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है. 2012-13 में डिस्ट्रिक जेलों के कैदियों के खाने पर 14.89 करोड़ और दवा पर 60.57 लाख रुपये खर्च हुए थे. इस वर्ष डिस्ट्रिक जेलों के कैदियों के खाने पर 2.20 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है. दवा पर 6.24 लाख के बदले 10 लाख रुपये के खर्च का अनुमान है.
राज्य की जेलों में हैं 17 हजार कैदी
राज्य में कुल 27 जेल हैं. इनमें पांच सेंट्रल जेल, 17 डिस्ट्रिक जेल और चार सब जेल और एक ओपन जेल शामिल है. फिलहाल इन जेलों में करीब 17000 कैदी हैं. इनमें से 750 महिला कैदी हैं. महिला कैदी के साथ रहनेवाले बच्चों की संख्या 70 है. कैदियों के खाने पर प्रति दिन प्रति कैदी 51 रुपये की दर से खर्च होता है.