श्री नामधारी के अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम तथा शशांक शेखर भोक्ता को भी मामले में अपना पक्ष रखने को कहा गया है. आयोग के सूत्रों के मुताबिक, आलमगीर आलम ने उनके कार्यकाल की नियुक्ति व प्रोन्नति से संबंधित सभी कागजात की मांग की. इस पर आयोग की अोर से उन्हें बताया गया कि सभी कागजात उपलब्ध कराना (व्यावहारिक रूप से तथा समय कम होने से) कठिन है. हालांकि उन्हें कुछ जरूरी पेपर उपलब्ध कराये गये हैं. श्री भोक्ता को भी पक्ष रखने के संबंध में चिट्ठी भेजी गयी है. इधर, आयोग ने करीब 500 आरोपियों को पहले ही शो-कॉज किया था. इनमें से ज्यादातर ने अपना जवाब दे दिया है.
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सभी मुद्दों पर एक ही बार में जवाब देना चाहते हैं नामधारी
रांची : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने नियुक्ति घोटाला मामले में जांच आयोग के समक्ष एक ही बार उपस्थित होकर सभी मुद्दों पर जवाब देने की पेशकश की है. उन्होंने आयोग को सूचित किया है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह में वह आयोग के समक्ष उपस्थित होंगे. इससे पहले उन्हें विधानसभा नियुक्ति व […]
रांची : पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर सिंह नामधारी ने नियुक्ति घोटाला मामले में जांच आयोग के समक्ष एक ही बार उपस्थित होकर सभी मुद्दों पर जवाब देने की पेशकश की है. उन्होंने आयोग को सूचित किया है कि नवंबर के अंतिम सप्ताह में वह आयोग के समक्ष उपस्थित होंगे. इससे पहले उन्हें विधानसभा नियुक्ति व प्रोन्नति घोटाले के संबंध में अपना पक्ष रखने के लिए आयोग की अोर से दो पत्र लिखा गया है.
श्री नामधारी के अलावा पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम तथा शशांक शेखर भोक्ता को भी मामले में अपना पक्ष रखने को कहा गया है. आयोग के सूत्रों के मुताबिक, आलमगीर आलम ने उनके कार्यकाल की नियुक्ति व प्रोन्नति से संबंधित सभी कागजात की मांग की. इस पर आयोग की अोर से उन्हें बताया गया कि सभी कागजात उपलब्ध कराना (व्यावहारिक रूप से तथा समय कम होने से) कठिन है. हालांकि उन्हें कुछ जरूरी पेपर उपलब्ध कराये गये हैं. श्री भोक्ता को भी पक्ष रखने के संबंध में चिट्ठी भेजी गयी है. इधर, आयोग ने करीब 500 आरोपियों को पहले ही शो-कॉज किया था. इनमें से ज्यादातर ने अपना जवाब दे दिया है.
विक्रमादित्य आयोग कर रहा जांच :गौरतलब है कि विधानसभा में हुए नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाला मामले की जांच विक्रमादित्य आयोग कर रहा है. इस आयोग का कार्यकाल दिसंबर 2017 तक है. तब तक जांच रिपोर्ट मिल जाने की संभावना है. गौरतलब है कि श्री नामधारी के कार्यकाल में कुल 274 तथा आलमगीर आलम के कार्यकाल में 324 अवैध नियुक्ति-प्रोन्नति होने का आरोप है. विधानसभा में अनुसेवक के 75 पद राज्यपाल ने स्वीकृत किये थे, पर इसके विरुद्ध 150 नियुक्तियां कर ली गयी थीं.
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