श्री तिर्की झाविमो कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे़ उन्होंने कहा कि सरकार में बैठे लोगों को आदिवासी संस्कृति परंपरा की जानकारी नहीं है़. आदिवासियों की परंपरा है कि अपने परिजनों की मृत्यु, गांव और मौजा का सीमा पर पत्थलगड़ी करते है़ं.
आदिवासियों में बलि की परंपरा है़ बनहौरा मौजा में काली गाय की बलि की परंपरा है़ अगले वर्ष फरवरी में मेरे गांव के लोग काली गाय की बलि देंगे़ कोई कार्रवाई करना चाहता है, तो करे़ समझ में आ जायेगा़.