रांचीः जो तू सुख चाहे सदा शरण राम की ले, के भाव को ग्रहण करना जरूरी है. राम की शरण, राम का आधार लेना सुखी जीवन में आवश्यक है. उक्त बातें रविवार को संत निरंकारी मंडल के सत्संग भवन में आयोजित सत्संग में जमशेदपुर से आये महात्मा चंद्र प्रकाश दादलानी ने कही. उन्होंने कहा कि इस भाव को समझने के लिए गुरु के पास आना जरूरी है.
गुरु ही वह कड़ी हैं जो भक्त को भगवान से जोड़ते हैं. चंद्रप्रकाश दादलानी ने कहा कि हर युग में गुरु की महत्ता रही है. सदगुरु चाहते हैं कि हम जीवन के हर पहलू को सुंदर बनायें. इनसान का हर पहलू सजा संवरा हो. उन्होंने कहा कि सच्च भक्त वहीं है जो अपने जीवन से सत्य का, परोपकार का, सहनशीलता का और ऊंचे आचरण का उदाहरण प्रस्तुत करता है. सत्संग की समाप्ति धुनी गीत के साथ हुई, जिसके बाद भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया.