-विवेक चंद्र-
रांचीः नोट फॉर वोट मामले में मुख्य सूत्रधार सुबोधकांत सहाय के भाई सुनील सहाय हैं. सुनील सहाय ने ही निरंजन शर्मा के माध्यम से होटल सिटी पैलेस में कमरा बुक कराया था. कमरे से बरामद रुपयों से भरे बैग सुनील सहाय ही लेकर आये थे. चुनाव में मेयर प्रत्याशी रमा खलखो को जीत दिलाने के लिए वोटरों और मतदानकर्मियों को गलत तरीके से प्रभावित करने के लिए उन्होंने साजिश रची थी.
मामले की जांच कर रहे वरीय पुलिस उपाधीक्षक ने अपनी रिपोर्ट हाइकोर्ट को सौंपी है. नोट फॉर वोट मामले की सीबीआइ जांच को लेकर इंद्रनील सिन्हा ने हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. कोर्ट इसकी मॉनिटरिंग कर रही है. पूर्व सुनवाई में कोर्ट ने इस मामले में सरकार को स्टेटस रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया था. अदालत के इसी निर्देश पर रांची के वरीय पुलिस उपाधीक्षक ने रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि सुनील सहाय गिरफ्तारी के डर से भागे फिर रहे हैं.
प्रभावित करना चाहते थे चुनाव: जांच कर रहे वरीय डीएसपी की अनुसंधान रिपोर्ट में कहा गया है : नगर निगम चुनाव 2013 में मेयर के लिए चुनाव लड़ रही रमा खलखो को जीत दिलाने के लिए पैसों का उपयोग किया जा रहा था. 21.90 लाख रुपये का इस्तेमाल वोटरों और मतदानकर्मियों को देने के लिए किया जाना था. सुनील सहाय और रमा खलखो ने ही अवैध तरीके से मीटिंग रखी थी. पैसों से भरे बैग भी उन्हीं ने रखवाये थे. उस समय वहां निरंजन शर्मा भी मौजूद थे. बैठक में सुबोधकांत सहाय, सुनील सहाय, रमा खलखो, निरंजन शर्मा, सुधीर साहू, संतोष सिंह आदि उपस्थित थे.
पकड़ने से बचती रही पुलिस: आरोप है कि नोट फॉर वोट के मामले में वारंट जारी होने के बाद भी पुलिस सुनील सहाय को पकड़ने से बचती रही. इसी बीच सुनील सहाय की गिरफ्तारी के लिए जारी वारंट क्वैश कर दिया. अब खबर है कि सुनील सहाय के खिलाफ पुलिस दोबारा वारंट लेने की प्रक्रिया शुरू करने वाली है.