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जेबीसीसीआइ की जगह अब सलाहकार बोर्ड करेगा वेतन तय
रांची/बेरमो. केंद्र सरकार ने गत 10 अगस्त को लोकसभा में कोड ऑन वेजेस एक्ट 2017 पेश किया था, जिसे बाद में केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब मिनिमम वेज कोड बिल को संसद से पास कराया जायेगा. वर्तमान में केंद्र में एनडीए की सरकार है इसलिए इस बिल के […]
रांची/बेरमो. केंद्र सरकार ने गत 10 अगस्त को लोकसभा में कोड ऑन वेजेस एक्ट 2017 पेश किया था, जिसे बाद में केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी. कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब मिनिमम वेज कोड बिल को संसद से पास कराया जायेगा. वर्तमान में केंद्र में एनडीए की सरकार है इसलिए इस बिल के पास होने की पूरी संभावना है. इसके लागू होने के बाद ये सारे एक्ट अप्रभावी हो जायेंगे.
जैसे द पेमेंट ऑफ वेजेस एक्ट 1936, द मिनिमम वेजेस एक्ट 1948, द पेमेंट ऑफ बोनस एक्ट 1965, द इक्यूअल रिम्यूरिनेशन एक्ट 1976. सभी कंपनियों के अतिरिक्त यह इन सब पर भी लागू होने जा रहा है जैसे रेलवे, खान, तेल क्षेत्र, प्रमुख बंदरगाहों, हवाई परिवहन सेवा, दूरसंचार, बैंकिंग और बीमा कंपनी या किसी निगम या केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम या सहायक कंपनियां या स्वायत्त निकायों के प्रयोजनों के लिए ठेकेदारों की स्थापना सहित जैसा मामला हो यानी यह अब हर नौकरी पेशा पर लागू होगा. इसके मुताबिक अब पारिश्रमिक घंटे के हिसाब से या दिन के हिसाब से या महीने के हिसाब से तय किया जा सकता है. जो समय काम के लिए मजदूरी की न्यूनतम दर या टुकड़े के काम के लिए मजदूरी की एक न्यूनतम दर के हिसाब से दिया जाएगा.
यानी अब नौकरी घंटों या दिन के हिसाब से भी दी जा सकेगी, महीने के हिसाब से पगार की कोई बाध्यता नहीं रह जाएगी. पे-कमीशन या वेज रिविजन आदि खत्म किये जा रहे हैं. सरकार एक ‘सलाहकार बोर्ड’ बनाएगी जो पारिश्रमिक तय करेगा. 15 साल से कम उम्र के लोगों को भी काम पर रखने पर कोई जुर्माना नहीं होगा. किसी को भी केवल 2 दिन के नोटिस पर काम से निकाला जा सकेगा. काम के घंटे कुछ भी तय किये जा सकते हैं (8 घंटे की बाध्यता समाप्त). हफ्ता 6 दिन का होगा, सातवें दिन छुट्टी.
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