रांचीः झारखंड के दस विभागों में वित्तीय पारदर्शिता लाने के लिए निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों (डीडीओ) की संख्या कम कर दी है. इन विभागों में दो सौ से अधिक डीडीओ थे. मुख्य सचिव आरएस शर्मा ने स्पष्ट किया है कि डीडीओ प्रखंड स्तर पर न होकर जिला स्तर पर होंगे. इससे कार्यालयों में परियोजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर होगा.
एक अप्रैल से सभी विभागों में भुगतान कर्मी और लाभुकों के खाते में ही पैसे का हस्तांतरण करने की व्यवस्था की गयी है. इंटरमीडियरी खातों में यह राशि नहीं जायेगी. पहली अप्रैल से सिर्फ एक्टिव डीडीओ को ही कार्य करने के निर्देश दिये गये हैं. इसकी सूची वित्त विभाग को सौंपी गयी है. मानव संसाधन विभाग में सबसे अधिक 4000 डीडीओ हैं. इन्हें कम करने की कार्रवाई की जा रही है.
जानकारी के अनुसार कृषि और गन्ना विभाग ने डीडीओ की संख्या 223 से घटा कर 140 कर दी है.
कृषि निदेशालय झारखंड और उसके अंतर्गत आनेवाले प्रमंडलों के लिए 75, कृषि संरक्षण निदेशालय में 39 और उद्यान निदेशालय में 27 डीडीओ की संख्या सीमित कर दी गयी है. पशुपालन विभाग में डीडीओ की संख्या 461 से घटा कर 103 की गयी है. डेयरी में 27 और मत्स्यपालन में 28 डीडीओ कार्यरत हैं. स्वास्थ्य विभाग में यह संख्या 1161 से घटा कर 781 की गयी है. सरकारी अस्पतालों में अब सिविल सजर्न और अस्पताल अधीक्षक की जगह सिर्फ एक डीडीओ होंगे.
गृह विभाग में यह संख्या 520 से घटा कर 144, श्रम विभाग में 438 से घटा कर 178, विधि विभाग में 274 से घटाकर 53, योजना एवं विकास विभाग में 119 से घटाकर 55, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की ओर से यह संख्या 497 से घटा कर तीन सौ, जल संसाधन विभाग में 326 से घटाकर एक सौ और पंचायती राज विभाग में 331 से घटा कर 77 किया गया है.