श्री चौधरी की पत्नी ममता के अनुसार पति से उनके संबंध तब खराब हुए, जब श्री चौधरी अलकतरा घोटाला (वाद संख्या अारसी 9ए/2010आर) में अभियुक्त बनाये गये थे. जमानत के लिए इन्होंने नौ लाख 19 हजार रुपये देने का दबाव पत्नी व ससुराल वालों पर बनाया तथा पत्नी को जमानतदार बनने के लिए बाध्य करने लगे. ऐसा नहीं करने पर इनके आपसी संबंध खराब हो गये तथा ममता पति से अलग हो गयीं. उपरोक्त मामले के आलोक में ममता कुमारी ने सरकार से निष्पक्ष जांच करने तथा उन्हें न्याय दिलाने की अपील की है. उक्त अारोप के संबंध में प्रतिक्रिया के लिए शिवशंकर चौधरी से संपर्क नहीं हो सका है.
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एक अभियंता की तीन अलग-अलग जाति, पत्नी ने मांगा न्याय
रांची: शिवशंकर चौधरी पथ निर्माण विभाग में सहायक अभियंता हैं. श्री चौधरी पर अोबीसी होते हुए अनुसूचित जाति (एससी) के प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने का अारोप है. पथ प्रमंडल, दुमका में प्राक्कलन पदाधिकारी रहे श्री चौधरी उक्त अारोप के मद्देनजर फिलहाल निलंबित हैं. नालंदा (बिहारशरीफ) निवासी श्री चौधरी पर उनकी पत्नी ममता कुमारी […]
रांची: शिवशंकर चौधरी पथ निर्माण विभाग में सहायक अभियंता हैं. श्री चौधरी पर अोबीसी होते हुए अनुसूचित जाति (एससी) के प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाने का अारोप है. पथ प्रमंडल, दुमका में प्राक्कलन पदाधिकारी रहे श्री चौधरी उक्त अारोप के मद्देनजर फिलहाल निलंबित हैं. नालंदा (बिहारशरीफ) निवासी श्री चौधरी पर उनकी पत्नी ममता कुमारी ने कई तथ्यात्मक अारोप लगाये हैं तथा इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से लेकर मुख्यमंत्री, झारखंड तक से की है.
पहली बार 1990 में प्रमाण पत्र बनवाया
शिवशंकर चौधरी पर अलग-अलग समय तीन अलग-अलग जाति प्रमाण पत्र बनवाने तथा अलग-अलग तरीके से अपना नाम व हस्ताक्षर करने के भी आरोप हैं. उपलब्ध कागजात के अनुसार सबसे पहले 1990 में एसडीअो, नालंदा ने उन्हें बिहार के कुर्मी जाति (बीसी-2) का प्रमाण पत्र निर्गत किया है.
दूसरी बार 1991 में प्रमाण पत्र बनवाया
फिर 1991 में इसी कार्यालय से उन्होंने अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र बनवाया. इसके बाद 1992 में एसडीअो, रांची ने उन्हें कुर्मी महतो (बीसी-वन) का प्रमाण पत्र निर्गत किया है. ममता का आरोप है कि सही जाति प्रमाण पत्र न होने से उन्होंने बिहार में शिक्षिका के पद पर योगदान नहीं दिया. बच्चों को भी शिक्षा पाने में परेशानी हुई है. दरअसल, शिवशंकर पर अपना नाम दो तरीके से लिखने तथा हिंदी व अंगरेजी में अलग-अलग हस्ताक्षर करने के भी आरोप हैं. श्री चौधरी अंगरेजी में अपना नाम जरूरत के अनुसार कहीं एसएचइअो (शिव) तथा कहीं एसएचअाइवी (शिव) लिखते हैं. इनके पैन कार्ड में पहली तरह का जबकि ड्राइविंग लाइसेंस में दूसरी तरह का शिव लिखा है. इसी तरह वह अपना हस्ताक्षर हिंदी में शिवशंकर चौधरी तथा अंगरेजी में एसएस चौधरी के रूप में करते हैं.
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