यह बातें वनवासी कल्याण केंद्र रांची की ओर से रविवार को रातू मेलाट़ाड़ में आयोजित राष्ट्र शक्ति सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित शारदा पीठाधीश्वर परम पूज्य संत स्वामी राजराजेश्वराश्रम महाराज जी ने कही. उन्होंने झारखंड में धर्म परिवर्तन बिल आने पर राज्य के मुख्यमंत्री की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि भोले-भाले वनवासी समाज को राष्ट्र विरोधी शक्तियां तोड़ने का काम कर रही हैं. लोगों को राजनीतिक चेतना संपन्न होना आवश्यक है. सम्मेलन में स्वागत भाषण करते हुए देवचरण उरांव ने कहा कि आदिवासी व हिंदू एक हैं, साजिश के तहत इन्हें कमजोर किया जा रहा है. जगलाल पहन ने कहा कि धर्म-संस्कृति को अपने पूर्वजों के द्वारा बताये मार्ग पर चल कर ही बचाया जा सकता है.
सरना सनातन समाज किसी प्रलोभन में नहीं आकर अपनी संस्कृति को बचाये. संदीप उरांव ने कहा कि राष्ट्र विरोधी शक्ति हमें तोड़ कर कमजोर बनाने की कोशिश कर रही है, इससे सावधान रहना होगा. डॉक्टर एस पी नारायण ने कहा कि देश के विकास में वनवासी अहम भूमिका निभा सकते हैं, बशर्ते वे एकजुट रहें. डॉ सुखी उरांव, रिझू कच्छप, जेठा लाल ने वनवासियों से एकजुट रहने की अपील की. इससे पूर्व अतिथियों ने भारत माता, भगवान बिरसा मुंडा, कार्तिक उरांव, युवराज गोपाल शरण नाथ शाहदेव के चित्र पर माल्यार्पण किया. दीप प्रज्वलित कर सरना प्रार्थना सभा से सम्मेलन का उदघाटन किया. पद्मश्री मुकुंद नायक ने अपने सहयोगियो के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया. अध्यक्षता जादो उरांव ने की. मौके पर विधायक रामकुमार पाहन, गंगोत्री कुजूर, महापौर आशा लकड़ा, अलोक उरांव, जितेश्वर मुंडा, मोहन साहू, सीताराम साहू, लाला उरांव, पंचम महतो, मोहन सिंह मुंडा, प्रवीण सिंह, राजेश सिंह, रोशन चौधरी सहित सैकड़ों महिला-पुरुष उपस्थित थे.