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रांची : वाटर टावर, सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए चिह्नित जमीन स्कूल को दे दी

रांची : एजी अॉफिस इंप्लाइज को-अॉपरेटिव हाउस कंस्ट्रक्शन सोसाइटी लिमिटेड की करोड़ों रुपये की जमीन घोटाले की जांच रिटायर्ड जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद ने की थी. इस मामले में हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है, जिसमें जस्टिस प्रसाद की रिपोर्ट को संलग्न किया गया है़ जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि वाटर टाॅवर, […]

रांची : एजी अॉफिस इंप्लाइज को-अॉपरेटिव हाउस कंस्ट्रक्शन सोसाइटी लिमिटेड की करोड़ों रुपये की जमीन घोटाले की जांच रिटायर्ड जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद ने की थी.
इस मामले में हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है, जिसमें जस्टिस प्रसाद की रिपोर्ट को संलग्न किया गया है़ जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि वाटर टाॅवर, सीवरेज ट्रीटमेंट के लिए चिह्नित जमीन प्राइवेट स्कूल को दे दी गयी. साथ ही सोसाइटी के चिल्ड्रेन पार्क की जमीन को स्कूल के विद्यार्थियों के साइकिल स्टैंड के लिए प्रबंधन को दे दी गयी.
तत्कालीन सचिव की भूमिका दुर्भावनापूर्ण: जस्टिस प्रसाद ने रिपोर्ट में कहा है कि सोसाइटी की जमीन के आवंटन में तत्कालीन सचिव केडी गिरि की भूमिका दुर्भावनापूर्ण रही है.
रिपोर्ट में जिक्र है कि श्री गिरि ने स्वयं के नाम पर 12,000 वर्गफीट, पत्नी कलावती देवी के नाम पर 8,000 वर्गफीट, विनय गिरि 4,000 वर्गफीट, भाई कृष्ण गिरि के नाम पर 4000 वर्गफीट जमीन, दो साले को 8,000 वर्गफीट व भतीजा को 4,000 वर्गफीट जमीन जमीन आवंटित की है. इधर, प्रार्थी एनामुल हक ने सीबीआइ व प्रवर्तन निदेशालय से जांच की मांग को लेकर हाइकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.
याचिका में सोसाइटी के करोड़ों रुपये के भूखंड के आवंटन में अनियमितता बरतने का आरोप लगाया गया है. हक ने सोसाइटी के पूर्व अध्यक्ष कपिलदेव गिरि, आरके मिश्रा सहित अन्य पर भूखंड आवंटन में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है़

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