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गलती अफसरों की, नुकसान सरकार को
रांची: राज्य के अफसरों और अभियंताओं की गलती से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. बिना तैयारी और गलत योजनाओं पर कार्य आरंभ करने की वजह से सरकारी कोष का निष्फल व्यय हुआ है. त्रुटिपूर्ण पुल और सड़क निर्माण की योजनाओं पर करोड़ों रुपया खर्च किया गया. फिर उनको आधा-अधूरा छोड़ दिया गया […]
रांची: राज्य के अफसरों और अभियंताओं की गलती से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है. बिना तैयारी और गलत योजनाओं पर कार्य आरंभ करने की वजह से सरकारी कोष का निष्फल व्यय हुआ है. त्रुटिपूर्ण पुल और सड़क निर्माण की योजनाओं पर करोड़ों रुपया खर्च किया गया. फिर उनको आधा-अधूरा छोड़ दिया गया है.
मिली जानकारी के मुताबिक जमीन अधिग्रहण की कार्यवाही के बिना सड़क निर्माण योजनाओं पर लाखों खर्च कर दिया गया. प्रक्रियाएं पूरी नहीं होने की वजह से काम पूरा नहीं हो सका. इन सबके अलावा प्रावधान के विरुद्ध जाकर असैनिक कार्य के लिए करोड़ों रुपयों की स्वीकृति देकर भी सरकारी कोष का नुकसान कराया गया है.
महिला पॉलिटेक्निक में बेकार खर्च हुए आठ करोड़: त्रुटिपूर्ण डीपीआर के अनुमोदन की वजह से रांची में महिला पॉलिटेक्निक के निर्माण में आठ करोड़ रुपये का निष्फल व्यय हुआ है. कल्याण विभाग भी समय पर डीपीआर में सुधार करने में विफल रहा. महिला पॉलिटेक्निक में संवेदक ने कुल 8.32 करोड़ रुपये का असैनिक कार्य पूरा कर काम रोक दिया. मामले में रांची के उपायुक्त ने भारत सरकार के दिशा निर्देशों का अनुपालन करने में असफल रहने की बात स्वीकार की. हालांकि, भवन निर्माण का कार्य अब तक पूरा नहीं किया गया है. छात्रों को कौशल आधारित शिक्षा मुहैया कराने के लिए भी कोई प्रारूप तैयार नहीं किया गया है.
बैराज के रास्ते में बनाया पुल, 5.6 करोड़ रुपये का नुकसान: ग्रामीण विकास विभाग ने गम्हरिया प्रखंड के गांजियाघाट में उच्चस्तरीय पुल निर्माण की योजना बनायी. फरवरी 2016 तक संवेदक ने 5.60 करोड़ रुपये का काम कर दिया. इसके बाद पहुंच पथ बनाने के लिए जमीन, संशोधित रेखांकन व नक्शा प्रदान करने के अनुरोध के साथ काम बंद कर दिया. बाद में पता चला कि निर्माणाधीन पुल का स्थल खरकई बैराज के प्रस्तावित स्थल से केवल 100 मीटर की दूरी पर धारा के प्रवाह की ओर स्थित था. केंद्रीय जल आयोग ने बैराज से प्रवाह पुल की नींव पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका जतायी. इसके बाद पुल का काम शुरू नहीं हो सका. उसे अधूरा ही छोड़ दिया गया है.
बिना पहुंच पथ के ही 4.31 करोड़ का पुल बना दिया: दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री ग्राम सेतु योजना के अंतर्गत साहेबगंज जिले के बरहरवा प्रखंड में आंग्लोई ग्राम सेतु योजना तैयार की जानी थी. जानकारी के मुताबिक बरहरवा प्रखंड में आंग्लोई एवं बड़ा चांदपुर के मध्य गुमानी नदी के आर-पार उच्च स्तरीय पुल के निर्माण के लिए 4.25 करोड़ का प्रशासनिक अनुमोदन प्रदान किया गया. दिसंबर 2015 में पुल के उदघाटन के बाद 4.31 करोड़ खर्च किया गया. इस दौरान कुल 90 मीटर पहुंच पथ का ही निर्माण पूरा किया जा सका. योजना के अनुसार काम पूरा करने के लिए अब तक आवश्यक भूमि का अधिग्रहण नहीं हो सका है. सड़क निर्माण पूरा नहीं होने की वजह से अांग्लोई और चांदपुर को पुल से संपर्क प्रदान नहीं कराया जा सका और अब तक खर्च की राशि निष्फल हो गयी.
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