गांव का दौरा करने तथा कोयली के परिवार से मिल कर आरती ने कहा कि बच्ची जिसके यहां बकरी चराने का काम करती थी, वे लोग उसे खाना देते थे. भूख से बच्ची की मौत नहीं हुई है. आरती ने बताया कि मलेरिया से भी अगर बच्ची की मौत हुई है, तो स्वास्थ्य विभाग इसमें दोषी है. गांव में कोयली देवी के परिवार के अन्य बच्चों के अलावा आसपास के बच्चों को भी कुपोषण से ग्रसित पाया गया.
श्री साहू ने कहा कि संतोषी की मौत भूख से नहीं मलेरिया से ही हुई है. जिस आरएमपी डॉक्टर ने इलाज किया, उसे भी गांव बुलाया गया था. इधर, बीडीओ संजय कोनगाड़ी ने एसडीओ जगबंधु महथा को बताया कि कोयली देवी की सास के जलडेगा स्थित को- आॅपरेटिव बैंक में 29 सितंबर को 1360 रुपये था.