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झारखंड : अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन पर ओटीपी अनिवार्य करने का सौंपा प्रस्ताव

रांची : एटीएम और डेबिट कार्ड से अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन करने पर उपभोक्ताओं को ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) नहीं दिया जाता है. इसका लाभ हैकर और साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी उठाते हैं. वे आमलोगों की गाढ़ी कमाई को पल भर में उड़ाकर अपने विदेशी एकाउंट में जमा करा देते हैं. मालूम हो कि पूर्व में […]

रांची : एटीएम और डेबिट कार्ड से अंतरराष्ट्रीय ट्रांजेक्शन करने पर उपभोक्ताओं को ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) नहीं दिया जाता है. इसका लाभ हैकर और साइबर क्राइम से जुड़े अपराधी उठाते हैं. वे आमलोगों की गाढ़ी कमाई को पल भर में उड़ाकर अपने विदेशी एकाउंट में जमा करा देते हैं.
मालूम हो कि पूर्व में नाइजीरिया मूल के साइबर अपराधियाें द्वारा यहां के लोगों को ठगने का मामला सामने आ चुका है. लेकिन मामला विदेश से जुड़ा होने के कारण इन अपराधियों तक पुलिस नहीं पहुंच पाती है. इस परेशानी को देखते हुए सीआइडी द्वारा बनाये गये प्रस्ताव को झारखंड पुलिस द्वारा एमएचए (केंद्रीय गृह मंत्रालय) की बैठक में उठाया गया है. अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ओटीपी अनिवार्य करने को लेकर केंद्र दूसरे देशों के साथ मिलकर अलग से रेगुलेटरी बनाने की दिशा में पहले करेगा. वहीं फिलवक्त अभी इस मामले को केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय अपने स्तर पर मॉनिटर कर रहा है. ओटीपी के अलावा ई-वैलेट के जरिये ट्रांजेक्शन या खरीदारी हाेने पर 24 से 48 घंटे का एक निश्चित टाइम लेंथ अनिवार्य किये जाने का भी मामला केंद्र के सामने लाया गया है.
इस संबंध में झारखंड पुलिस की ओर से ऐसी व्यवस्था करने की मांग की गयी है जिसमें वैलेट द्वारा ग्राहकों को 24 से 48 घंटे के बाद ही डिलिवरी होनी चाहिए. ताकि साइबर क्राइम होने पर 24 से 48 घंटे के अंदर मेल कर ट्रांजेक्शन को रद्द कराया जा सके. इसके अलावा साइबर क्राइम होने पर ट्रांजेक्शन रद्द करने के लिए पुलिस द्वारा ई-वैलेट को मेल कर जवाब मांगा जाता है. लेकिन अधिकांश मामलों में ई-वैलेट द्वारा जवाब नहीं दिया जाता. ऐसे में ई-वैलेट के खिलाफ आइपीसी की धारा 109 के तहत कार्रवाई किये जाने की बात भी कही गयी है.
साइबर क्राइम पर नकेल कसने की कवायद, एमएचए में झारखंड ने उठाया मुद्दाकेंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय कर रहा मॉनिटरिंग
एटीएम और डेबिट कार्ड से ट्रांजेक्शन पर नहीं दिया जाता ओटीपी
ई-वैलेट से ट्रांजेक्शन या खरीदारी होने पर 24 घंटे बाद ही ग्राहक को होगा डिलिवरी
क्या है ओटीपी
ओटीपी एक ऐसा पासवर्ड है, जो आपके अकाउंट से लॉगिन और ट्रांजेक्शन पासवर्ड से अलग और बिल्कुल सुरक्षित माना जाता है. किसी वेबसाइट पर अकाउंट बनाते हैं, तो अपना यूजर नेम और पासवर्ड सेट करते हैं. हम जो पासवर्ड लॉगिन के लिए सेट करते हैं वह बहुत ही आसान रखते हैं जैसे कि नाम और उसके आगे डिजिट लगा देना या खुद की जन्मतिथि भर लगा देना.
लेकिन इस तरह के पासवर्ड को हैकर आसानी से हैक कर लेते हैं और हमारे अकाउंट की पूरी डिटेल चुरा सकते हैं. इनसे बचने के लिए एक ऐसा स्पेशल पासवर्ड बनाया गया है, जो सिर्फ एक ही बार इस्तेमाल हो सके. इसी को ओटीपी या वन टाइम पासवर्ड कहते हैं. इसका इस्तेमाल सिर्फ तीन मिनट से लेकर 15 मिनट तक किया जा सकता है. इसके बाद इसका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता और अगर एक बार आपने इस पासवर्ड को इस्तेमाल कर लिया है, तो यह दोबारा इस्तेमाल नहीं हो सकता. इसके लिए आपको दूसरा पासवर्ड लेना पड़ेगा. आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन कर रहे हैं, तो उस वक्त ओटीपी पासवर्ड ध्यान से लिख लें.
छह डिजिट का होता है ओटीपी नंबर
ओटीपी का नंबर छह डिजिट का होता है. इसका इस्तेमाल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के समय करते हैं. किसी ई-कॉमर्स वेबसाइट पर कुछ सामान खरीदते हैं, तो हमारे एटीएम या डेबिट कार्ड से पेमेंट करने या हमारे नेट बैंकिंग से पेमेंट करने पर हमारी पूरी अकाउंट डिटेल वहां पूछी जाती है. जब हम डिटेल सबमिट करते हैं, तो बैंक से अटैच हमारे मोबाइल पर एक कोड आता है. उस कोड का मतलब होता है कि आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने की परमिशन दे रहे हैं. अगर आप वह कोड गलत भरते हैं, तो आपका ट्रांजेक्शन कैंसिल हो जाता है. आपके पैसे या आपकी ऑनलाइन पेमेंट या आपका ऑनलाइन आॅर्डर कंप्लीट नहीं हो पाता है.
जी-मेल और फेसबुक खोलने पर भी होता है ओटीपी का इस्तेमाल
ओटीपी का इस्तेमाल सबसे ज्यादा नेट बैंकिंग में ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के दौरान किया जाता है. इसके अलावा जब हम जी-मेल पर कोई अकाउंट बनाते हैं, तो उस समय भी हमारे अकाउंट को वेरीफाई करने के लिए ओटीपी का इस्तेमाल किया जाता है. जब हम फेसबुक पर हमारे अकाउंट को वेरीफाई करते हैं, तो उस समय भी ओटीपी का इस्तेमाल होता है. जब हमलोग फेसबुक पर अकाउंट का पासवर्ड भूल जाते हैं और उसके बाद उसको रिकवरी करते हैं, तो उस समय भी ओटीपी पासवर्ड का इस्तेमाल किया जाता है.

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