रांची : क्रिश्चिचन लाइफ कम्युनिटी (सीएलसी) के एनीमेटर्स का त्रैवार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन- 2017 शुक्रवार को एसडीसी सभागार पुरूलिया रोड में शुरू हुआ़ इसमें कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने कहा कि दुनिया में अनीश्वरवाद बढ़ रहा है, जिसके खिलाफ सीएलसी एक बड़ी शक्ति के रूप में मौजूद है़ दुनिया के ज्यादातर देशों में कैथोलिक चर्च की […]
रांची : क्रिश्चिचन लाइफ कम्युनिटी (सीएलसी) के एनीमेटर्स का त्रैवार्षिक राष्ट्रीय सम्मेलन- 2017 शुक्रवार को एसडीसी सभागार पुरूलिया रोड में शुरू हुआ़ इसमें कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो ने कहा कि दुनिया में अनीश्वरवाद बढ़ रहा है, जिसके खिलाफ सीएलसी एक बड़ी शक्ति के रूप में मौजूद है़ दुनिया के ज्यादातर देशों में कैथोलिक चर्च की पहचान एक विश्वसनीय संस्था के रूप में है, जो लोगों की जरूरत के समय में साथ खड़ा रहता है़ इसके माध्यम से हम अनीश्वरवाद का सामना कर सकते हैं.
इस दृष्टि से मदर टेरेसा के उदाहरण को नजरंदाज नहीं कर सकते़ उन्होंने कहा कि यीशु के सभी शिष्य एक साथ प्रार्थना करते थे़ यहां शिष्य कलीसिया का प्रतिनिधत्व करते हैं. आज कलीसिया के समक्ष कई चुनौतियां हैं, जिनके बीच भी मूल्य व जीवन के सही सिद्धांत बांटना है, ताकि लोग बेहतर इंसान बने़ं सतत प्रार्थना द्वारा ही हम पवित्र आत्मा का उपहार पा सकते हैं. सेमिनार का विषय ‘चर्च व दुनिया के लिए उपहार है सीएलसी’ रखा गया है़
सोसाइटी अाॅफ जीसस के प्रोविंशियल फादर जोसफ मरियानुस कुजूर ने कहा कि प्रेम, शांति व क्षमा की ईश्वरीय भावना को पहले परिवार और फिर दुनिया में लाने की जरूरत है़ सीएलसी नेशनल एक्जीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य फादर जेराल्ड रोड्रीग्स ने कहा कि हमें ईश्वर की प्रशंसा, महिमा और सेवा करना है़ यह अपना व दूसरों का जीवन बचाने के लिए महत्वपूर्ण है़ सीएलसी छोटानागपुर के निदेशक फादर अगस्टीन कुजूर ने कहा कि सीएलसी को संत इग्नासियुस लोयला की आध्यात्मिकता पर चलने का आह्वान है़ इसे ईश्वर की महिमा और चीजों को श्रेष्ठतर करने के लिए काम करना है़ सेमिनार में सीएलसी नेशनल एक्जीक्यूिव काउंसिल के सदस्य रॉबर्ट डिसूजा, कोर्लिना रोड्रीग्स, क्षेत्रीय अध्यक्ष अजीता कुजूर, फादर फ्रेड्रिक, फादर विनोद टोप्पो व देश भर से आये सौ एनीमेटर्स मौजूद थे़
सांस्कृतिक कार्यक्रमों में दिखी झारखंडी संस्कृति
उदघाटन सत्र में स्कूली बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये़ नृत्य व गीतों के माध्यम से झारखंड की संस्कृति दर्शायी़ कार्यक्रम प्रस्तुत करनेवालों में संत जॉन, उर्सुलाइन, संत अन्ना, लोयला, संत अलोइस, असीसी व होली क्रॉस स्कूल के विद्यार्थी शामिल थे़ इससे पूर्व गुरुवार को प्रतिभागियों ने कांके का रॉक गार्डेन, धुर्वा का जेएससीए क्रिकेट स्टेडियम, दशम फॉल व एग्रीकल्चर ट्रेनिंग सेंटर (नामकुम) देखे. सम्मेलन का समापन 22 अक्तूबर को होगा़