रांची : स्कूली बच्चों को दिये जाने वाले मध्याह्न भोजन बनाने का काम अब इस्काॅन व अक्षय पात्र फाउंडेशन को दिया जायेगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न जिलों में इसकी शुरुआत की जायेगी. राजधानी रांची में इस्काॅन व हजारीबाग में अक्षय पात्र फाउंडेशन को मिड डे मील के संचालन की जिम्मेदारी दी जायेगी. झारखंड राज्य […]
रांची : स्कूली बच्चों को दिये जाने वाले मध्याह्न भोजन बनाने का काम अब इस्काॅन व अक्षय पात्र फाउंडेशन को दिया जायेगा. पायलट प्रोजेक्ट के तहत विभिन्न जिलों में इसकी शुरुआत की जायेगी. राजधानी रांची में इस्काॅन व हजारीबाग में अक्षय पात्र फाउंडेशन को मिड डे मील के संचालन की जिम्मेदारी दी जायेगी. झारखंड राज्य मध्याह्न भोजन प्राधिकरण की बैठक में प्रस्ताव को स्वीकृति दी गयी. इसके लिए सीसीएल व एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा सीएसआर के तहत आर्थिक मदद की जायेगी.
सीसीएल द्वारा रांची व एयरपोर्ट अथॉरिटी हजारीबाग के लिए राशि दी जायेगी. रांची में प्रथम चरण में एक लाख व हजारीबाग में लगभग 50 हजार बच्चों को दिन का खाना दिया जायेगा. केंद्रीयकृत रसोइघर बनाने के लिए जमीन चिह्नित करने का काम पूरा कर लिया गया है. रांची के पंडरा में तीन एकड़ जमीन चिह्नित की गयी है. केंद्रीयकृत रसोइघर बनाने का काम जल्द शुरू होगा.
अगले शैक्षणिक सत्र से चयनित विद्यालयों में तय संस्थान द्वारा बच्चों को खाना दिया जायेगा. इसके तहत परिवहन व किचन बनाने पर आने वाला खर्च संस्थान को सीएसआर के तहत मिलेगा, जबकि कुकिंग काॅस्ट, चावल मध्याह्न भोजन प्राधिकरण द्वारा दिया जायेगा. बैठक स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक की अध्यक्षता में हुई. बैठक में मध्याह्न भोजन प्राधिकरण के निदेशक ए मुथु कुमार व अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
चतरा व लोहरदगा का भी चयन
वर्तमान में जमशेदपुर व सरायकेला में पायलट प्रोजेक्ट के तहत बच्चों को केंद्रीयकृत रसोइघर के माध्यम से खाना दिया जा रहा है. इसके तहत चतरा व लोहरदगा जिला का भी चयन किया गया है. लोहरदगा में हिंडाल्को व चतरा में एनटीपीसी द्वारा सीएसआर के तहत आर्थिक मदद की जायेगी. मध्याह्न भोजन प्राधिकरण ने इसकी भी स्वीकृति दे दी है. उल्लेखनीय है कि बोकारो में भी केंद्रीयकृत रसोइघर के माध्यम से स्कूलों में खाना देने की योजना को स्वीकृति दी गयी थी, पर अब तक शुरू नहीं हो सका है. कारण है कि सीएसआर के तहत राशि नहीं मिली.
रसोइया व संयोजिका कर रही हैं विरोध
दूसरी तरफ, स्कूलों में बच्चों के लिए खाना बनाने वाली रसोइया व संयोजिका इसका विरोध कर रही है. रसोइयों का कहना है कि वे वर्षों से स्कूल में बच्चों के लिए खाना बना रही हैं. अब उन्हें हटाया जा रहा है. गौरतलब है कि राज्य भर की रसोइयाें ने इस मुद्दे को लेकर विधानसभा का घेराव किया था.