21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मुख्यमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट का हाल: डेडलाइन पूरा, लेकिन काम अधूरा हरमू नदी में खास जगहों पर ही चल रहा है सौंदर्यीकरण का काम

नाले में तब्दील हो चुकी हरमू नदी के जीर्णोद्धार के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में मुंबई की ईगल इंफ्रा कंपनी के साथ एकरारनामा किया. एकरारनामे के मुताबिक ढाई साल(30 माह) में नदी के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा कर लिया जाना था. हालांकि, कंपनी को काम शुरू किये हुए 32 महीने बीतने को हैं, […]

नाले में तब्दील हो चुकी हरमू नदी के जीर्णोद्धार के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2015 में मुंबई की ईगल इंफ्रा कंपनी के साथ एकरारनामा किया. एकरारनामे के मुताबिक ढाई साल(30 माह) में नदी के सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा कर लिया जाना था. हालांकि, कंपनी को काम शुरू किये हुए 32 महीने बीतने को हैं, लेकिन अब तक सौंदर्यीकरण का काम अधूरा ही है. काम कब तक पूरा होगा, इसकी स्पष्ट जानकारी न तो कंपनी के अधिकारियों के पास है और न ही जुडको के अधिकारियों के पास. फिलहाल, मुक्तिधाम के पास ही हो रहा है. ताकि रोज मुख्यमंत्री, मंत्री और अधिकारी इस रास्ते से गुजरते हुए देख सकें कि काम हो रहा है. यहां रिवर सेक्शन और एसटीपी का काम महीनों से चल रहा है.
रांची: नगर विकास विभाग ने हरमू नदी के सौंदर्यीकरण की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. कमेटी ने जांच के बाद इस योजना के डीपीआर को ही त्रुटिपूर्ण करार दे दिया है. जबकि, इसी त्रुटिपूर्ण डीपीआर के आधार पर हरमू नदी के जीर्णोद्धार पर 45 करोड़ रुपये से अधिक खर्च भी कर दिये गये हैं. नगर विकास विभाग की तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि नदी की चौड़ाई अपेक्षाकृत कम की गयी है. नदी की चौड़ाई अभी छह मीटर है. इसे बढ़ाने की जरूरत है. जांच समिति ने इस दौरान हरमू नदी के किनारे-किनारे जांच की थी. इसमें यह पाया गया था कि जगह-जगह गैबियन टूटे हुए हैं.

हरमू नदी के सौंदर्यीकरण कार्य का शिलान्यास 15 मार्च 2015 को मुख्यमंत्री रघुवर दास और नगर विकास मंत्री सीपी सिंह ने संयुक्त रूप से किया था. शिलान्यास समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने यह घोषणा भी किया था कि इस नदी को वे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करेंगे. उन्होंने संवेदक से भी आग्रह किया था कि तय समय के अंदर सौंदर्यीकरण कार्य को पूरा कर मिसाल पेश करें. परंतु कंपनी की समय सीमा अगस्त माह में ही समाप्त हो चुकी है. जुडको द्वारा छह माह एक्सटेंशन देने की अनुशंसा करके फाइल नगर विकास विभाग को भेजी गयी है.
सौंदर्यीकरण कार्य की मौजूदा स्थिति
कंपनी द्वारा किये जा रहे सौंदर्यीकरण कार्य में उन स्थलों पर विशेष सौंदर्यीकरण किया गया है. जहां नदी के ऊपर से कोई सड़क गुजरती है. कंपनी ने ऐसा इसलिए किया है कि ताकि जब भी कोई बड़ा अधिकारी इन सड़कों से गुजरे, तो उन्हें लगे कि नदी का सौंदर्यीकरण कार्य वाकई में हो रहा है. जबकि हालात अब भी बदतर है. नदी के किनारे किनारे बनाये गये गैबियन कई जगह पर उखड़े हुए हैं.

नदी में गिरनेवाले नालों को कई जगहों पर एसटीपी से नहीं जोड़ा गया है. इसका ताजा उदाहरण हरमू बाइपास से दिखने वाला हरमू नदी है. यहां नदी के किनारों को चौड़ा-चौड़ा रखा गया है. साथ ही फूल और कई प्रकार के पौधे भी लगाये गये हैं, जबकि नदी के दूसरे छोरों की हालत खस्ता है. हरमू नदी के सौंदर्यीकरण के तहत अभी केवल हरमू पुल के पास काम चल रहा है. जहां एसटीपी और रिवर सेक्शन का काम चल रहा है. एक जगह स्टेशन रोड जानेवाले पुल के पास भी कुछ काम हो रहा है. अन्य किसी जगह फिलहाल काम नहीं चल रहा है.

हरमू नदी सौंदर्यीकरण योजना में खास
  • नदी किनारों पर छोटे-छोटे पार्क अौर पाथ-वे बनाया जाने की योजना है.
  • नौ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनने हैं, चार बन गये. इनमें नालों को जोड़ा जाना है.
  • नदी के किनारे फूल-पौधे व सोलर लाइट लगाये जायेंगे, यह काम भी लंबित है.
  • 33 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण नदी के किनारे-किनारे किया जाना है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें