रांची: राज्य में 140 आइटीआइ को केंद्र सरकार से एनसीवीटी (नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग) की मान्यता नहीं मिली है. इन सारे आइटीआइ के संचालन के लिए राज्य से एससीवीटी (स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग) की मान्यता ली गयी है और प्रशिक्षणार्थियों को एससीवीटी का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. हालांकि पुराने आइटीआइ की मान्यता एनसीवीटी की है. इस तरह वहां से प्रशिक्षण प्राप्त करनेवाले विद्यार्थियों को एनसीवीटी का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है.
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140 आइटीआइ को नहीं है एनसीवीटी मान्यता
रांची: राज्य में 140 आइटीआइ को केंद्र सरकार से एनसीवीटी (नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग) की मान्यता नहीं मिली है. इन सारे आइटीआइ के संचालन के लिए राज्य से एससीवीटी (स्टेट काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग) की मान्यता ली गयी है और प्रशिक्षणार्थियों को एससीवीटी का प्रमाण पत्र दिया जा रहा है. हालांकि पुराने आइटीआइ की […]
क्या है नुकसान : आइटीआइ के अनुदेशकों के मुताबिक एनसीवीटी की मान्यता पूरे देश में है, जबकि एससीवीटी की मान्यता झारखंड राज्य में ही है. हाल में रेलवे सहित अन्य केंद्रीय सेवा में भी एससीवीटी को मान्यता दी गयी है. सबसे बड़ी बात है कि आइटीआइ का संचालन पूरी तरह एनसीवीटी के नियमों के अनुसार होना चाहिए. यानी एनसीवीटी के प्रावधान के मुताबिक आइटीआइ के भवन, उपकरण सहित अन्य सुविधाएं होनी चाहिए. संबंधित ट्रेड की ट्रेनिंग के लिए पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए, तभी उसे एनसीवीटी की मान्यता मिलती है, पर बिना पर्याप्त व्यवस्था के ही विद्यार्थियों को एससीवीटी से मान्यता करा कर आइटीआइ में ट्रेनिंग दी जा रही है.
निजी आइटीआइ को एनसीवीटी की मान्यता
सबसे दिलचस्प बात है कि निजी आइटीआइ को एनसीवीटी की मान्यता मिल जाती है, लेकिन सरकार के आइटीआइ को नहीं. इसे लेकर तरह-तरह की चर्चा है. यह स्थिति तब है, जबकि कई निजी आइटीआइ अर्हताएं भी पूरी नहीं करते हैं, फिर भी उन्हें मान्यता मिल जाती है.
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