कोई सरकार ज्यादा टैक्स लगा कर अलोकप्रिय नहीं बनना चाहेगी. हां, जीएसटी के नया होने की वजह से थोड़ी परेशानियां जरूर हैं. लेकिन अभी तो जीएसटी लागू कुछ हुए महीने ही हुए हैं. इसमें सुधार की पूरी गुंजाइश है. प्रक्रिया थोड़ी लंबी है, पर शिकायतें आयेंगी तो उनका निपटारा भी जरूर होगा. श्री पोद्दार ने कहा : जीएसटी पूरी तरह से तकनीकी व्यवस्था है.
अखंड भारत को एक टैक्स की प्रक्रिया से जोड़ने का कानून है. हर बदलाव में दिक्कत आयी है. कांग्रेस जीएसटी नहीं लागू कर सकी, भाजपा सरकार ने कर दिया. सभी राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाकर जीएसटी काउंसिल बनायी. इसके पहले व्यापारियों को तीन तरह के मुख्य टैक्स देने पड़ते थे. एक्साइज टैक्स, सर्विस टैक्स और वैट. जीएसटी में अब केवल एक टैक्स देने की जरूरत है. इसमें टैक्स देने या किसी तरह के कागजात हासिल करने के लिए सरकारी बाबुओं के चक्कर लगाने के झमेले से आजादी है.
घर बैठे ऑनलाइन टैक्स भरा जा सकता है. यह ठीक है कि नयी कर प्रणाली होने की वजह से थोड़ी परेशानियां सामने आ रही हैं. परंतु, उसका निपटारा भी किया जा रहा है. छोटे और मंझले व्यापारियों पर सरकार का पूरा ध्यान है. 1.5 करोड़ टर्न ओवर वाले व्यवसायियों को रियायत इसी वजह से दी गयी है. रिवर्स चार्ज और एडवांस टैक्स पर भी काम हो रहा है. इ-वे बिल की समीक्षा की जा रही है. टैक्स देने में व्यापारियों की गलती को भूल माना जा रहा है. इस वजह से अब तक जीएसटी में सजा देने संबंधी प्रावधान नहीं बने हैं.
श्री पोद्दार ने कहा कि जीएसटी पर भ्रम है कि ज्यादा टैक्स वसूला जा रहा है. व्यापारी हिसाब लगायें कि पहले उनको एक्साइज, सर्विस टैक्स और वैट जोड़ कर कितना देना पड़ता था और अब कितना देना पड़ रहा है. कुछ चीजों में दो प्रतिशत की मामूली वृद्धि हुई है, लेकिन ज्यादातर चीजों के टैक्स में दो प्रतिशत या उससे भी अधिक गिरावट आयी है.
इसके पहले प्रभात खबर के एमडी केके गोयनका ने विषय प्रवेश कराते हुए जीएसटी को आजादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स रिफाॅर्म बताया. उन्होंने कहा कि जीएसटी से कई जगहों पर व्यापारियों को फायदा है. हालांकि, नया होने की वजह से कुछ परेशानियां जरूर सामने आ रही हैैं. श्री गोयनका ने जीएसटी काउंसिल द्वारा हाल ही में किये गये बदलाव पर संतोष जताया. संवाद में शामिल लोगों का स्वागत चेंबर के अध्यक्ष रंजीत गाड़ोदिया ने और मंच संचालन सोनी मेहता ने किया. मंच पर चेंबर के दीनदयाल वर्णवाल, सीए अरविंद मोदी और रमन खाटूवाला भी मौजूद थे. मौके पर चेंबर के सदस्यों के अलावा विभिन्न व्यापारी वर्गों के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे.