पूछताछ में प्रिंस ने पुलिस को बताया कि एटीएम में किसी के जाने से पहले संबंधित एटीएम में जाकर उसके कैंसिल बटन में फेवीक्विक डाल देता था. इससे बटन जाम हो जाता था. इस कारण व्यक्ति द्वारा रुपये निकालने के लिए एटीएम में प्रोसेस करने पर रुपये नहीं निकले थे. प्रिंस ने बताया कि मेरा काम सिर्फ फेवीक्विक डालना था.
एटीएम में रुपये निकालने के लिए प्रोसेश करने के दौरान विक्की पीछे खड़ा रहता था. वह किसी तरह एटीएम का पिन नंबर देखा लेता था. रुपये नहीं निकलने पर जब व्यक्ति वहां से निकल जाता था, तब विक्की पतले पिन के सहारे कैसिंल बटन को ढीला कर एटीएम कार्ड का पिन नंबर डालकर एटीएम से रुपये निकाल लेता था. प्रिंस ने बताया कि वह हेलमेट पहन कर ही एटीएम मशीन जाता था, ताकि वहां लगे सीसीटीवी में उसका चेहरा न आये.
उसने यह भी बताया कि वह बोलेरो गाड़ी को अपने घर की तरह इस्तेमाल करता था. पकड़े जाने के डर से किसी घर या होटल में ठहरने के बजाय बोलेरो गाड़ी में ही सोना और खाना-पीना करते थे. एटीएम से रुपये निकालने से संबंधित चुटिया में दर्ज एक और घटना में प्रिंस ने अपनी संलिप्तता स्वीकार की है. पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे रविवार को जेल भेज दिया. जबकि हिरासत में लिये गये चार अन्य युवकों को पुलिस ने जांच के बाद छोड़ दिया.
उल्लेखनीय है कि ठगी का शिकार होने के बाद संतोष कुमार ने खुद प्रिंस कुमार के बारे जानकारी एकत्र की थी. उन्होंने शनिवार को प्रिंस को गाड़ी में जाते देख इस बात की सूचना कांटाटोली चौक में तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को दी थी. इसके बाद पुलिस ने बोलेरो गाड़ी को रोक कर प्रिंस सहित बोलेरो में सवार चार अन्य युवकों को पकड़ कर चुटिया थाना की पुलिस को सौंप दिया था.