सरकार भी अपनी पीठ थपथपा रही है, लेकिन वर्तमान स्थिति यह है कि अब भी व्यापारी काफी परेशान हैं. व्यापारियों का कहना है कि हर माह रिटर्न दाखिल करना पहाड़-सा लग रहा है. सारा हिसाब रखने में काफी मुश्किलें आ रही हैं. वे पिछले तीन माह से अधिक का समय जीएसटी को समझने में बीता चुके हैं. उनके लिए सबसे बड़ी समस्या जीएसटी के पोर्टल को लेकर है. लाख प्रशिक्षण के बाद भी व्यवस्था अब तक पटरी पर नहीं लौटी है.
Advertisement
नयी कर प्रणाली से व्यापारी परेशान, कहा व्यापार करें या कंप्यूटर में उलझे रहें
रांची. आखिर व्यापार करें या दिन भर कंप्यूटर में उलझे रहें. अधिकांश समय व्यापार छोड़ कंप्यूटर में बीत रहा है. ग्राहक से ज्यादा सीए को समय देना पड़ रहा है. ऐसे में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) मददगार साबित तो नहीं हो रहा, उल्टे परेशानी का सबब बनता जा रहा है. कुछ इस तरह का […]
रांची. आखिर व्यापार करें या दिन भर कंप्यूटर में उलझे रहें. अधिकांश समय व्यापार छोड़ कंप्यूटर में बीत रहा है. ग्राहक से ज्यादा सीए को समय देना पड़ रहा है. ऐसे में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) मददगार साबित तो नहीं हो रहा, उल्टे परेशानी का सबब बनता जा रहा है. कुछ इस तरह का दर्द शहर के व्यापारियों ने बयां किया है. जीएसटी लागू हुए तीन माह हो चुके हैं.
व्यापारियों ने कहा सही तरीके से काम नहीं कर रहा जीएसटी का पोर्टल, बना सिर दर्द
जीएसटी के सॉफ्टवेयर में कई सारी खामियां हैं. आनन-फानन में जीएसटी लागू कर दिया गया. लेकिन व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गयी है. रिटर्न भरने में काफी परेशानी हो रही है. सरलीकरण किया जाना चाहिए. टैक्स रेट में सुधार भी किया जाना जरूरी है. रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म से परेशानी हो रही है. समय पर माल नहीं पहुंचने पर पेनाल्टी लगाया जायेगा.
सज्जन सर्राफ, निदेशक, इंडियन एजेंसीज
एक देश, एक कर की बात हो रही है. व्यापारियों का सारा दिन कंप्यूटर में ही बीत रहा है. खुद से रिटर्न नहीं भर पा रहे हैं. अब सीए का चक्कर लगाना पड़ रहा है. व्यापारी पहले अपनी ऊर्जा व्यापार करने या व्यापार बढ़ाने में लगाते थे. अब वह ऊर्जा कंप्यूटर तक सीमित हो चुकी है. सरकार को इसका सरलीकरण किया जाना चाहिए.
प्रवीण लोहिया, अध्यक्ष, झारखंड थोक वस्त्र विक्रेता संघ
जीएसटी का सारा काम कंप्यूटर पर होना है. व्यापारियों ने अपना कंप्यूटर दुरुस्त कर लिया है, लेकिन सरकार ने अपना सिस्टम ठीक नहीं किया है. नतीजा यह हो रहा है, व्यापारी परेशान हैं. पोर्टल ठीक ढंग से काम नहीं कर रहा है. 320 करोड़ लेन-देन प्रोसेस करने में सक्षम नहीं है सॉफ्टवेयर. जीएसटी में कई सारी कानून संबंधी परेशानियां हैं.
अर्जुन जालान, निदेशक, मीनू मार्केटिंग प्रा. लि.
जीएसटी का पोर्टल ठीक ढंग से काम नहीं करने से काफी परेशानी हो रही है. रिटर्न भरना पहाड़-सा हो गया है. कई संशोधन को अपडेट नहीं किया गया है. रिवर्स चार्ज मेकेनिज्म को खत्म किया जाना चाहिए. इससे छोटे दुकानदार खत्म हो जायेंगे. टैक्स हर माह लिया जाये, लेकिन रिटर्न को तिमाही किया जाना चाहिए. व्यापारियों का अधिकतर समय रिटर्न को लेकर बीत रही है.
रंजीत गाड़ोदिया, अध्यक्ष, झारखंड चेंबर
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement