पोस्टमार्टम रिपोर्ट और लोगों से मिली जानकारी के आधार पर जांच टीम को आशंका है कि जहरीली शराब से करीब डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हुई है. हालांकि मामले में जांच से जुड़े अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. इस मामले में गुरुवार को रांची के प्रमंडलीय आयुक्त एनके मिश्रा के नेतृत्व में जांच टीम गृह सचिव एसकेजी रहाटे को रिपोर्ट सौंपेगी. टीम में श्री मिश्रा के अलावा उत्पाद विभाग के आयुक्त विनोद शंकर सिंह, रांची के सिटी एसपी अमन कुमार और एसडीओ एके सत्यजीत शामिल हैं.
सूत्रों के मुताबिक टीम ने जांच में यह पाया है कि स्थानीय स्तर पर पुलिस, एक्साइज और जैप वन के कर्मियों द्वारा समय पर कारगर कदम उठाये गये होते, तो हादसा को रोका जा सकता था. क्योंकि अवैध रूप से शराब बनाने और बेचने का कारोबार नामकुम और डोरंडा थाना क्षेत्र में वर्षों से चल रहा था. बकरीद और करम पूजा के अवकाश के दौरान डोरंडा थाना क्षेत्र के अस्पताल रोड से जिन लोगों ने प्लास्टिक की बोतल वाली अवैध शराब खरीदकर पी, उन्हें इसका खामियाजा भुगतना पड़ा. मामले में डोरंडा और नामकुम के थाना प्रभारियों के अलावा एक्साइज के एक इंस्पेक्टर और जैप के 14 कर्मियों को निलंबित किया गया था.