जांच कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि देश के बड़े अस्पतालाें में भी ऐसे मामले आये हैं, जिसकी स्टडी की गयी. समीक्षा करने पर पाया गया कि दिल्ली के एक अस्पताल में एक्सरे प्लेट गलत लगाये जाने के कारण एक मरीज के बांये पैर की जगह दाये पैर में ऑपरेशन हो गया. हालांकि, टीम ने यह कहा है कि दोनों डॉक्टर अॉपरेशन के समय टेक्नीशियन के साथ-साथ डॉक्टर यह आश्वस्त हो जायें कि ऑपरेशन शरीर के किस भाग में करना है. जांच कमेटी ने जो रिपोर्ट भेजी है, उसे सरकार के पास भेजा जायेगा. दोनों डॉक्टरों का निलंबन सरकार के आदेश के बाद ही वापस लिया जायेगा.
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रिम्स: बोड़ेया निवासी गुड़िया के गलत ऑपरेशन का मामला, डॉ जमाल व डॉ अफसर देंगे हलफनामा भविष्य में नहीं बरतेंगे एेसी लापरवाही
रांची : बोड़ेया निवासी गुड़िया का गलत ऑपरेशन करने के मामले में निलंबित चल रहे रिम्स यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ अरशद जमाल और डॉ अफसर आलम अस्पताल प्रबंधन हलफनामा देंगे. हलफनामे में दोनों डॉक्टरों को आश्वस्त करना होगा कि वे मरीजों के इलाज और ऑपरेशन में सावधानी बरतेंगे. भविष्य में दोबारा इस तहर की लापरवाही […]
रांची : बोड़ेया निवासी गुड़िया का गलत ऑपरेशन करने के मामले में निलंबित चल रहे रिम्स यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ अरशद जमाल और डॉ अफसर आलम अस्पताल प्रबंधन हलफनामा देंगे. हलफनामे में दोनों डॉक्टरों को आश्वस्त करना होगा कि वे मरीजों के इलाज और ऑपरेशन में सावधानी बरतेंगे. भविष्य में दोबारा इस तहर की लापरवाही नहीं बरती जायेगी. तीन सदस्यीय कमेटी इस मामले की जांच कर रही थी. कमेटी ने जो रिपोर्ट तैयार की है, उसमें दोनों डाॅक्टरों से हलफनामा लेने का सुझाव रिम्स प्रबंधन को दिया गया है.
जांच कमेटी के एक सदस्य ने बताया कि देश के बड़े अस्पतालाें में भी ऐसे मामले आये हैं, जिसकी स्टडी की गयी. समीक्षा करने पर पाया गया कि दिल्ली के एक अस्पताल में एक्सरे प्लेट गलत लगाये जाने के कारण एक मरीज के बांये पैर की जगह दाये पैर में ऑपरेशन हो गया. हालांकि, टीम ने यह कहा है कि दोनों डॉक्टर अॉपरेशन के समय टेक्नीशियन के साथ-साथ डॉक्टर यह आश्वस्त हो जायें कि ऑपरेशन शरीर के किस भाग में करना है. जांच कमेटी ने जो रिपोर्ट भेजी है, उसे सरकार के पास भेजा जायेगा. दोनों डॉक्टरों का निलंबन सरकार के आदेश के बाद ही वापस लिया जायेगा.
ये है मामला
बोड़ेया निवासी गुड़िया को बायीं किडनी में पथरी है. इलाज के लिए वह रिम्स के यूरोलॉजी विभाग में भर्ती हुई थी. इलाज के क्रम में डॉ अफसर आलम उसका ऑपरेशन कर रहे थे. तभी पता चला कि उसके पेट में बायीं की जगह दायीं ओर चीरा लगा दिया गया है. गलती पकड़ में आने के बाद डॉक्टर ने उसका इलाज अपने स्तर पर निजी अस्पताल में कराना चाहा, लेकिन गुड़िया अस्पताल छोड़कर अपने घर चली गयी. बाद में मामले ने इतना तूल पकड़ लिया कि स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा. साथ ही रिम्स यूरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ अरशद जमाल और ऑपरेशन करने वाले डॉ अफसर आलम को निलंबित करने का आदेश दे दिया.
घोषणा के बाद भी नहीं मिली सहायता राशि
स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के आश्वासन के बाद भी पीड़ित गुड़िया को अब तक आर्थिक मदद नहीं मिल पायी है. गुड़िया के पति ने बताया कि वह कई बार स्वास्थ्य मंत्री के आवास पर जा चुके है, लेकिन वहां सिर्फ आश्वासन ही मिलता है. कई बार आश्वासन के बाद अभी पैसा नहीं मिल पाया है. गौरतलब है कि स्वास्थ्य मंत्री ने ही गुड़िया को सदर अस्पताल में भर्ती करा कर उसका इलाज कराया था. जब वे गुड़िया को देखने अस्पताल पहुंचे थे, तो उन्होंने 50 हजार रुपये देने की घोषणा की थी.
डॉ बिरुआ काे मिली शिशु सर्जरी विभाग की कमान
डॉ हिरेंद्र बिरुआ को रिम्स के शिशु सर्जरी विभाग का विभागाध्यक्ष बनाया गया है. वह डॉ विकास कुमार के सेवानिवृत्त होने के बाद उनकी जगह लेंगे. सेवानिवृत्त होने के बाद डॉ विकास ने उन्हें चार्ज दे दिया है, लेकिन अभी रिम्स प्रबंधन की ओर से इसकी अधिसूचना नहीं जा रही हुई है.
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