विभागीय सचिव अजय कुमार सिंह ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के जरिये झारखंड में उच्चतर और तकनीकी शिक्षा की वस्तुस्थिति बतायी. यह बताया गया कि राज्य सरकार उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में सरकारी ही नहीं, निजी क्षेत्र के विश्वविद्यालयों को भी प्रोत्साहित कर रही है. आधा दर्जन से अधिक निजी विश्वविद्यालयों को राज्य में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के पाठ्यक्रम संचालित करने की अनुमति दी गयी है. उन्होंने कहा कि सरकार कॉलेजों की शिक्षा में क्षमता संवर्धन जैसे पाठ्यक्रमों को समाहित कर युवाओं को प्रशिक्षित कर रही है.
श्री सिंह ने कहा कि उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग ने पिछले दो वर्षों में बजट का शत प्रतिशत खर्च कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. उन्होंने पॉलिटेक्निक और राजकीय अभियंत्रण कॉलेजों को मॉडल कॉलेज बनाने और उच्च शिक्षा के मामले में एक रोडमैप भी केंद्रीय सचिव के समक्ष प्रस्तुत किया. बैठक में उच्च शिक्षा निदेशक अबू इमरान, उप निदेशक संजीव चतुर्वेदी समेत अन्य लोग मौजूद थे.
सचिव ने कॉलेज में दूर-दराज से आयीं कई अादिवासी छात्राअों से मिल कर कॉलेज की जानकारी ली. छात्राअों की बातें सुन कर सचिव काफी प्रभावित हुए. वहीं, कॉलेज में छात्राअों के लिए चल रहे कराटे प्रशिक्षण की तारीफ की. प्राचार्य डॉ तिवारी ने सचिव को बताया कि इस कॉलेज में छात्र-छात्राअों की संख्या को देखते हुुए तीन शिफ्ट में कक्षाएं चलती हैं. उन्होंने रोजगारपरक कोर्स की भी जानकारी ली. उप निदेशक डॉ चतुर्वेदी ने सचिव को बताया कि इस कॉलेज को राज्य सरकार ने मॉडल कॉलेज के रूप में चयनित किया है. सचिव ने अधिकारियों से कहा कि यहां कई ऐसे संस्थान हैं, जहां छात्रों की संख्या कुछ ही हैं, लेकिन कई एकड़ में उन्हें संस्थान के लिए जमीन दी गयी है. वहीं, डोरंडा कॉलेज जैसे कई ऐसे कॉलेज हैं, जहां विद्यार्थियों की संख्या काफी अधिक है, लेकिन कैंपस छोटा पड़ जा रहा है. सचिव ने अधिकारियों से कहा कि एेसे में राज्य के इन कॉलेजों को अलग से मदद करनी चाहिए. केंद्रीय सचिव कॉलेज में लगभग 20 मिनट तक रहे.