रांची: साईं कॉलोनी, चुटिया निवासी मदन सिंह के पुत्र शिवम सिंह, भतीजा गौरव सिंह व पावर हाउस चौक, चुटिया निवासी सैंकी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से पुलिस ने मुक्त करा लिया है. मदन सिंह ने बताया कि उनके पुत्र सहित तीनों छात्रों को अपहरण के बाद बेहोशी की हालत में अपराधी सीधे चाईबासा के जंगल […]
रांची: साईं कॉलोनी, चुटिया निवासी मदन सिंह के पुत्र शिवम सिंह, भतीजा गौरव सिंह व पावर हाउस चौक, चुटिया निवासी सैंकी को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से पुलिस ने मुक्त करा लिया है. मदन सिंह ने बताया कि उनके पुत्र सहित तीनों छात्रों को अपहरण के बाद बेहोशी की हालत में अपराधी सीधे चाईबासा के जंगल में ले गये थे. वहां तीनों छात्रों को जंगल में बंधक बना कर रखा जाता है.
हाथ और पैर को लोहे की जंजीर से बांध दिया जाता था. उनके मुंह में हमेशा कपड़ा बंधा रहता था, ताकि वे चिल्ला नहीं सकें. जब अपहरणकर्ता तीनों छात्रों को कहीं ले जाते थे, तब उनके आंखाें में पट्टी बांध देते थे. खाने में केवल दाल-चावल दिया जाता था. तीनों छात्रों ने अपहरण के दौरान जो कपड़े पहन रखे थे, उसके बाद उन्हें कोई दूसरा कपड़ा पहनने के लिए नहीं दिया गया.
22 अगस्त को ही करना था अपहरण, फोन रिसीव नहीं करने से बिगड़ा अपराधियों का प्लान : मदन सिंह के बताया कि उनके पुत्र के अपहरण की योजना चंदन सोनार गिरोह के अपराधियों ने कुछ माह पूर्व तैयार की थी. अपराधियों की योजना 22 अगस्त को अपहरण करने की थी. इसके लिए उसके पुत्र को 22 अगस्त को फोन भी आया था. लेकिन उनके पुत्र ने फोन रिसीव नहीं किया. इस वजह से शिवम को ट्रैप कर उसका अपहरण करने में अपराधी सफल नहीं हो सके. पांच सितंबर को भी अपहरणकर्ताओं ने उनके पुत्र को कई बार फोन किया, लेकिन उसने फोन रिसीव नहीं किया. जब शिवम ने अपहरणकर्ताओं का फोन रिसीव नहीं किया, तब अपहरणकर्ताओं ने गौरव के मोबाइल नंबर पर फोन कर शिवम से बात कराने को कहा. अपहरणकर्ताओं ने शिवम को एक युवती से बात कराते हुए उससे मिलने के लिए कटहल मोड़ बुलाया था. जब तीनों छात्र कार से कटहल मोड़ पहुंचे, तब उन्हें बालालौंग रिंग रोड के पास बुलाया गया. मदन सिंह के अनुसार उनके पुत्र की कार के पास पहले एक स्कॉर्पियो गाड़ी पहुंची. थोड़ी देर में एक कार पहुंची.
स्कॉर्पियो में छह अपराधी सवार थे, जिन्होंने खुद को पुलिस को आदमी बताते हुए तीनों छात्र को हथियार के बल पर कार से नीचे उतारा. इसके बाद अपहरण करनेवाले कहने लगे लड़की छेड़ते हो. उससे बात करते हो. चलो थाना, बड़ा बाबू बुला रहे हैं. इसके बाद अपहरणकर्ताओं ने तीनों छात्रों को बेहोश कर दिया और सीधे चाईबासा जंगल ले गये. तीनों का अपहरण दिन के 3.19 बजे से लेकर 3.21 बजे के बीच हुआ था.
छात्रों के मोबाइल से ही फोन कर मांगी जाती थी फिरौती : मदन सिंह के अनुसार जब उनके पुत्र की कार नगड़ी के बालालौंग में लावारिस अवस्था में छह सितंबर को मिली, तब उन्हें अपने पुत्र सहित तीनों के अपहरण की आशंका हुई. छह सितंबर को ही मदन सिंह के पास अपहरणकर्ताओं का फोन आया और 20 करोड़ रुपये फिरौती मांगी गयी. दूसरी बार फिरौती के लिए अपहरणकर्ताओं का फोन नौ सितंबर को आया था. तीसरी बार अपहरणकर्ताओं का फोन सैंकी के भाई के पास आया. उससे कम से कम 15 करोड़ तीनों छात्रों को मुक्त करने के लिए देने को कहा गया था. अपहरणकर्ता छात्रों के मोबाइल से ही परिजनों को फिरौती के लिए फोन करते थे. मदन सिंह ने बताया कि उन्हें रांची के जोनल आइजी नवीन कुमार, रांची रेंज के डीआइजी एवी होमकर, डीआइजी कोल्हान साकेत कुमार सिंह, रांची एसएसपी कुलदीप द्विवेदी का पूरा सहयोग मिला. उन्होंने कहा कि पुलिस के प्रयास से वे अपने पुत्र को सुरक्षित पा सके हैं. मदन सिंह से यह पूछे जाने पर कि क्या आपने अपहरणकर्ताओं को फिरौती में लाखों रुपये दिये थे. इस पर मदन सिंह ने कहा कि उन्होंने एक रुपये भी खर्च नहीं किया है. पुलिस के प्रयास से ही छात्रों की बरामदगी हुई है.