रांची : इस साल राज्य भर में करीब 6000 करोड़ की सड़क परियोजनाअों पर काम शुरू होगा. एनएचएअाइ के करीब 2500 करोड़ की योजनाअों पर काम शुरू किया जाना है. उसके साथ ही पथ निर्माण विभाग भी राज्य में कई महत्वपूर्ण योजनाअों पर काम शुरू करने जा रहा है. पथ निर्माण विभाग के साथ ही […]
रांची : इस साल राज्य भर में करीब 6000 करोड़ की सड़क परियोजनाअों पर काम शुरू होगा. एनएचएअाइ के करीब 2500 करोड़ की योजनाअों पर काम शुरू किया जाना है. उसके साथ ही पथ निर्माण विभाग भी राज्य में कई महत्वपूर्ण योजनाअों पर काम शुरू करने जा रहा है. पथ निर्माण विभाग के साथ ही एनएच की योजनाअों को मिला कर करीब 2000 करोड़ की योजनाअों का क्रियान्वयन किया जायेगा.
वहीं प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना सहित राज्य संपोषित योजना को मिला कर करीब 1500 करोड़ की योजनाअों पर काम शुरू कराया जायेगा. इनमें से अधिकतर योजनाअों का शिलान्यास करा लिया गया है. बड़ी संख्या में ऐसी योजनाएं हैं, जिनका टेंडर भी फाइनल हो गया है. केवल काम शुरू कराना है. संंबंधित विभागों की अोर से काम कराने की तैयारी की जा रही है.
बेहतर होगा आवागमन: इन सड़कों के बनने से झारखंड में सड़कों की जाल बिछ जायेगी. इंजीनियरों का कहना है कि झारखंड में कनेक्टिविटी बढ़ने के साथ ही आवागमन की स्थिति भी बेहतर हो जायेगी. कई मामलों में यह राज्य आगे चला जायेगा. वहीं सड़क का औसत घनत्व भी बढ़ेगा.
महत्वपूर्ण एनएच हो जायेंगे फोरलेन: सड़क निर्माण के क्रम में राज्य के एनएच पर खास फोकस किया गया है. इसके तहत महत्वपूर्ण एनएच फोरलेन हो जायेंगे. हजारीबाग-बरही के फोरलेन का काम चल रहा है. रांची-जमशेदपुर-महुलिया व महुलिया-बहरागोड़ा पर भी काम चल रहा है. इस तरह एनएच 33 पूरी तरह फोरलेन हो जायेगा. एनएच 75 व एनएच 23 के भी फोरलेन पर काम शुरू होने जा रहा है. एनएच 75 एक्सटेंशन पर भी काम होना है.
ठेकेदारों के लिए भी मौका: एक साथ इतना काम शुरू होने पर ठेकेदारों के लिए अच्छा अवसर है. उन्हें काम की कमी नहीं होगी. बेहतर काम करनेवाले ठेकेदारों को ज्यादा से ज्यादा काम मिलेगा. काम की कमी के कारण जिन ठेकेदारों को काम नहीं मिल पाता था, अब उन्हें भी मौका मिलेगा.
बढ़ाने होंगे संवेदकों की संख्या: वैसे तो पहले से ही इन विभागों में काफी काम चल रहे हैं. लेकिन ग्रामीण कार्य विभाग ने काम की अधिकता को देखते हुए नये संवेदकों को भी तत्काल काम देने का निर्णय लिया था. इसके तहत नये ठेकेदारों को भी कई काम दिये गये हैं. ऐसे में नयी योजनाअों के लिए ठेकेदारों की संख्या कम पड़ सकती है. इस स्थिति में ठेकेदारों की संख्या बढ़ानी होगी.