रांची: झारखंड सरकार के धर्म स्वतंत्र अधिनियम अौर भूमि अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना संशोधन विधेयक के खिलाफ विभिन्न जनसंगठनों के द्वारा रैली निकाली जायेगी. रैली 23 सितंबर को मोरहाबादी मैदान में होगी, जिसमें विभिन्न जिलों से लोग शामिल होंगे. गुरुवार को यह जानकारी साझा मंच अौर अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने संवाददाता सम्मेलन में […]
रांची: झारखंड सरकार के धर्म स्वतंत्र अधिनियम अौर भूमि अर्जन पुनर्वास एवं पुनर्स्थापना संशोधन विधेयक के खिलाफ विभिन्न जनसंगठनों के द्वारा रैली निकाली जायेगी. रैली 23 सितंबर को मोरहाबादी मैदान में होगी, जिसमें विभिन्न जिलों से लोग शामिल होंगे. गुरुवार को यह जानकारी साझा मंच अौर अन्य सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने संवाददाता सम्मेलन में संयुक्त रूप से दी. प्रभाकर तिर्की ने कहा कि दोनों अधिनियम सरकार की गलत मंशा को दर्शाता है.
राज्य सरकार आदिवासियों की एकता को सरना-ईसाई के नाम पर तोड़ना चाहती है ताकि जमीन अधिग्रहण में कोई बाधा नहीं आये. उन्होंने कहा कि धर्म,व्यक्तिगत आस्था की बात है अौर इसमें राज्य को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. उसी तरह भूमि अधिग्रहण के मामले में सामाजिक अौर पर्यावरण प्रभाव का आकलन नहीं करना भी गलत है. इस तरह के विकास का हमलोग विरोध करते हैं.
अन्य वक्ताअों ने कहा कि झारखंड की जनता राज्य सरकार की इस प्रयास को कभी सफल नहीं होने देगी. केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि जब जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर पहले से कानून है तो फिर अलग से एक अौर कानून बनाने की कोशिश क्यों हो रही है. नीरज चंद्र गर्ग ने कहा कि समाज को राज्य के द्वारा इस तरह से तोड़ने की साजिश इससे पहले कभी नहीं की गयी. निरंजना हेरेंज, अनिता गाड़ी, ईसाई महासंघ के दीपक तिर्की, सिरिल हंस, जियाउल्लाह, नौशाद खान, पीपी वर्मा सहित अन्य लोगों ने भी संबोधित किया.