सब्जी मंडी, फल मंडी और राशन दुकानों आदि में तो पॉलिथीन का उपयोग आम बात है. लेकिन, इसका उपयोग मंदिरों में भी धड़ल्ले से हो रहा है. ‘प्रभात खबर’ की टीम ने बुधवार को शहर के पहाड़ी मंदिर समेत अन्य मंदिरों का जायजा लिया. इस दौरान यह पाया गया कि मंदिर और आसपास की दुकानों में पूजा की जो भी सामग्री श्रद्धालु खरीदते हैं, वह उन्हें पॉलिथीन में ही दी जाती है. इसके लिए सीधे तौर पर दुकानदार और खरीदार दोनों ही जिम्मेदार हैं.
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राजधानी के मंदिरों को भी जकड़ रखा है पॉलिथीन ने
रांची : पॉलिथीन के दुष्प्रभाव से सभी परिचित हैं. शहर की गंदगी में ज्यादातर हिस्सा पॉलिथीन ही होता है, जो सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए ही नुकसानदेह है. इसे देखते हुए सरकार ने पॉलिथीन के उपयोग पर रोक लगा दी है. इसके बावजूद हम धड़ल्ले से पॉलिथीन का उपयोग कर रहे हैं. सब्जी मंडी, […]
रांची : पॉलिथीन के दुष्प्रभाव से सभी परिचित हैं. शहर की गंदगी में ज्यादातर हिस्सा पॉलिथीन ही होता है, जो सेहत और पर्यावरण दोनों के लिए ही नुकसानदेह है. इसे देखते हुए सरकार ने पॉलिथीन के उपयोग पर रोक लगा दी है. इसके बावजूद हम धड़ल्ले से पॉलिथीन का उपयोग कर रहे हैं.
सब्जी मंडी, फल मंडी और राशन दुकानों आदि में तो पॉलिथीन का उपयोग आम बात है. लेकिन, इसका उपयोग मंदिरों में भी धड़ल्ले से हो रहा है. ‘प्रभात खबर’ की टीम ने बुधवार को शहर के पहाड़ी मंदिर समेत अन्य मंदिरों का जायजा लिया. इस दौरान यह पाया गया कि मंदिर और आसपास की दुकानों में पूजा की जो भी सामग्री श्रद्धालु खरीदते हैं, वह उन्हें पॉलिथीन में ही दी जाती है. इसके लिए सीधे तौर पर दुकानदार और खरीदार दोनों ही जिम्मेदार हैं.
पहाड़ी मंदिर में पॉलिथीन ले जाने पर है रोक
वर्ष 2015 में पहाड़ी मंदिर में पॉलिथीन लेकर प्रवेश करने पर रोक लगायी गयी थी. पूजा समिति के सदस्यों ने इस दौरान कहा था कि इससे पहाड़ी प्रदुषण से मुक्त होगी. शुरुआत के कुछ महीनों तक तो यहां के सभी दुकानदार भी पूजन सामग्री से लेकर प्रसाद तक कागज के थैले में श्रद्धालुओं को देते थे. लेकिन, आज हालात बदल गये हैं. सस्ता व सुलभ होने के कारण आज इन दुकानदारों में श्रद्धालुओं को पॉलिथीन में ही सारी सामग्री दी जा रही है. यही हाल संकट मोचन मंदिर मेन रोड, हनुमान मंदिर लालपुर, कचहरी चौक स्थित जगदंबा मंदिर, रिम्स स्थित दुर्गा मंदिर व अन्य मंदिरों का है. यहां पर भी मंदिर के बाहर में पॉलिथीन में ही श्रद्धालुओं काे पूजन सामग्री दी जा रही है.
15 सितंबर को जारी की गयी थी अधिसूचना
झारखंड सरकार के वन एवं पर्यावरण विभाग ने 15 सितंबर को अधिसूचना जारी कर प्लास्टिक कैरी बैग के निर्माण, आयात, भंडारण, परिवहन, बिक्री या उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है. यानी कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार के प्लास्टिक कैरी बैग का इस्तेमाल नहीं कर सकते. केवल खाद्य सामग्री, दुग्ध उत्पाद, पैकेज्ड दूध, नर्सरी के पौधे में प्रयुक्त होने होने वाले प्लास्टिक को ही छूट दी गयी है.
पॉलिथीन के उपयाेग से कैंसर भी हाे सकता है
जलाये बिना भी पॉलिथीन लगातार खतरनाक गैसों का उत्सर्जन कर हवा को विषाक्त बनाता रहता है. लगातार प्लास्टिक की बोतल में पानी या चाय पीनेवालों को कैंसर हो सकता है. इस्तेमाल के बाद पॉलिथीन को फेंकना भी कम खतरनाक नहीं है. जमीन में दबाने पर भूमि को बंजर बनाने के साथ यह स्वच्छ जल स्रोत को प्रदूषित करता है. पॉलिथीन से दूषित पानी पीने से खांसी, सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन, चक्कर आना, मांसपेशियों का शिथिल होना, हृदय रोग हो सकता है.
कपड़े के थैले का करें उपयाेग
पॉलिथीन पर रोक तभी लग सकती है, जब हम खुद इसे अपनी आदत से बाहर निकालेंगे. इसकी शुरुआत हमें अपने घर से करनी होगी. घर के हर सदस्य को पॉलिथीन के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक होना होगा. जिस दिन हम खुद पॉलिथीन के बदले कपड़े के थैले का उपयोग करना शुरू करेंगे, हालात अपने आप बदल जायेंगे.
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