मुख्यमंत्री रघुवर दास की सरकार ने धर्म स्वातंत्र्य विधेयक ला कर और राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने इसे स्वीकृति देकर सरना आदिवासियों की परंपरा, धर्म व संस्कृति बचाने की पहल की है. कार्यकारी अध्यक्ष बबलू मुंडा ने कहा कि ईसाई समाज ने आदिवासियों की धर्म व संस्कृति को नष्ट-भ्रष्ट करने के कई प्रयास किये हैं. पर अब सरना समाज जाग चुका है.
मेघा उरांव ने कहा कि यह कानून लागू होने से लोभ, लालच या भय दिखा कर धर्मांतरण नहीं हो सकता. अब ईसाई मिशनरी सरना समाज के लोगों को बरगलाकर सरकार के विरुद्ध काम करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. इससे भोले-भाले सरना आदिवासी या जेल जा रहे हैं, या जान से हाथ धो रहे हैं. अब दूसरी लड़ाई छेड़ेंगे जो धर्मांतरित आदिवासियों को दोहरा लाभ के खिलाफ व सरना धर्म कोड की मांग को लेकर होगा.