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RANCHI : 2006 में आर्मी से हुए रिटायर, अब दे रहे हैं 65 बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा

ललन मिश्रा, हरमू हाउसिंग कॉलोनी पूजा सिंह ये हैं ललन मिश्रा. हरमू हाउसिंग कॉलोनी के शिव मंदिर में गरीब बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं. झुग्गी-झोपड़ी में रहनेवाले गरीब बच्चों को एकत्रित कर शिक्षा के साथ स्वास्थ्य और आर्ट एंड क्राफ्ट की सीख देते है़ं वह भी नि:शुल्क. हर रोज 65 बच्चों को दो शिफ्ट […]

ललन मिश्रा, हरमू हाउसिंग कॉलोनी
पूजा सिंह
ये हैं ललन मिश्रा. हरमू हाउसिंग कॉलोनी के शिव मंदिर में गरीब बच्चों को शिक्षित कर रहे हैं. झुग्गी-झोपड़ी में रहनेवाले गरीब बच्चों को एकत्रित कर शिक्षा के साथ स्वास्थ्य और आर्ट एंड क्राफ्ट की सीख देते है़ं
वह भी नि:शुल्क. हर रोज 65 बच्चों को दो शिफ्ट (शाम चार से रात आठ बजे तक) में पढ़ाते हैं. साथ ही रविवार को एक्सरसाइज भी कराते है़ं श्री मिश्रा कहते हैं कि उनके पिताजी हाई स्कूल के शिक्षक रहे हैं. पत्नी कल्पना मिश्रा 12 साल तक अध्यापिका रही़ं हालांकि वह खुद देश की सेवा के लिए भारतीय सेना में शामिल हो गये. 2006 में रिटायर हुए.
इसके बाद छोटा-मोटा काम करते रहे. शिव मंदिर प्रबंधन समिति का भी रख-रखाव करते हैं. वह कहते हैं कि मंदिर के आस-पास भीख मांग रहे बच्चों को देख कर काफी दुख होता था. लोग आते अौर एक-दो रुपये देकर चले जाते़ इनकी जरूरत और इनकी शिक्षा की किसी को कोई चिंता नहीं. वह कहते है कि 65 बच्चे मेरे लिए चैलेंज हैं. इन्हें शिक्षित कर निखारना है़
चार बच्चों से शुरू हुअा सेंटर
ललन मिश्रा बताते हैं कि मंदिर से निकलनेवाले कचरे के बीच सिक्का खोजते बच्चों को देख कर बुलाया़ सबको कहा कि कल से कॉपी-पेंसिल लेकर आओ. हम पढ़ायेंगे. दो-तीन दिनों तक कोई बच्चा नहीं आया़ चौथे दिन फिर मंदिर के पास भीख मांगते नजर आये़
तब बच्चों को प्यार से समझा कर अगले दिन बुलाया़ चार जून 2017 को सिर्फ एक बच्चा कॉपी-पेंसिल लेकर आया़ इसके बाद एक से चार और चार से 74 बच्चे हो गये़ हालांकि प्रतिदिन उपस्थिति के तौर पर देखा जाये, तो 65 बच्चे ही आते है़ं इन बच्चों का वह खुद नाखून और बाल काटते हैं. फिर नहवा कर तैयार करते हैं. उनका मानना है कि इस सेंटर में जितने भी बच्चे हैं, सभी 60 प्रतिशत से अधिक अंक ला सकते है़ं
सभी में पढ़ने की इच्छा शक्ति है़ नर्सरी से नौवीं तक के बच्चे है़ं किसी की मां घरों में नाैकरानी का काम करती है, तो पिता रिक्शा चालक है़ श्री मिश्रा कहते हैं : मैंने यह बीड़ा खुद उठाया है. इसलिए सरकार या किसी एनजीओ की मदद की जरूरत नहीं है़ इसे आगे बढ़ाने में पांच से छह वर्ष लगेंगे़ इसे मैंने इच्छा शक्ति के रूप में लिया है.रविवार को बच्चों का नि:शुल्क हेल्थ चेकअप होता है. इसमें डॉ अभिषेक कुमार सिंह मदद करते है़ं साथ ही प्रतिदिन सुबह में एक्सरसाइज व हेल्थ टिप्स दिया जाता है़

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