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राज्य के अस्पतालों में बच्चों की मौत व अन्य मुद्दों पर एपवा का धरना, बोले वक्ता बच्चों की मौत भ्रष्टाचार व लापरवाही का नतीजा

रांची : राज्य के अस्पतालों में हुए बच्चों की मौत व अन्य मुद्दों को लेकर एपवा (अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन) ने सोमवार को राजभवन के समक्ष धरना दिया. एपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा राज्य की महिलाओं के लिए धोखा साबित हुआ है. दुष्कर्म के कई […]

रांची : राज्य के अस्पतालों में हुए बच्चों की मौत व अन्य मुद्दों को लेकर एपवा (अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला एसोसिएशन) ने सोमवार को राजभवन के समक्ष धरना दिया. एपवा की राष्ट्रीय महासचिव मीना तिवारी ने कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा राज्य की महिलाओं के लिए धोखा साबित हुआ है. दुष्कर्म के कई मामलों का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है.

बलात्कारी बेखौफ घूम रहे हैं. महिलाएं भय और आतंक के साये में जी रही हैं. हाल के दिनों में राज्य के अस्पतालों में 200 से अधिक बच्चों की मौत संस्थाबद्ध भ्रष्टाचार व लापरवाही का नतीजा है. इसके लिए स्वास्थ्य मंत्री को नैतिक तौर पर इस्तीफा देना चाहिए.


माले विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि रघुवर शासन में महिलाओं पर अत्याचार बढ़े हैं. महिलाओं को समानता का अधिकार देने के बजाय सरकार अधिकारों में कटौती कर रही है. अस्पतालों में हुई बच्चों की मौत का मामला माले विधानसभा में उठायेगी. एपवा की प्रदेश सचिव गीता मंडल ने कहा कि झारखंड में महिला ट्रैफिकिंग बड़ा कारोबार बन गया है. ट्रैफिकिंग के धंधेबाजों को राजनीतिक और सरकारी संरक्षण प्राप्त है. महिला सशक्तीकरण के नाम पर महिलाओं को दासी बनाने की प्रथा को मजबूत किया जा रहा है. कार्यक्रम में मिड डे मील रसोइया, संयोजिका, सहिया,जल सहिया, आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं ने भी हिस्सा लिया. इससे पूर्व रांची रेलवे स्टेशन से रैली निकाली गयी. इसमें रांची, देवघर, दुमका, गोड्डा, रामगढ़, गढ़वा, गिरिडीह, बोकारो समेत कई जिलों से बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुईं. कार्यक्रम की अध्यक्षता सविता सिंह ने की व संचालन महिला नेता जयंती चौधरी ने किया. इस मौके पर सुषमा मेहता, एति तिर्की, सुधा जायसवाल, शांति सेन, नीलम शहाबादी, किरण, गीता देवी, ज्योति देवी, लखीमणी मुंडा, शोभा देवी, सुशीला तिग्गा, बिमला देवी आदि ने संबोधित किया.
15 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा : एपवा प्रतिनिधिमंडल ने 15 सूत्री मांगों का ज्ञापन राज्यपाल के नाम सौंपा. इसमें स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त करने, असंगठित मजदूर, मिड-डे मील, रसोइया, संयोजिका, सहिया, जल सहिया, आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका को न्यूनतम 18 हजार रुपये मासिक देने, घरेलू कामगारों के लिए कल्याण बोर्ड गठित करने, मानव व्यापार पर रोक लगाने, मिड-डे-मील के संचालन में ठेका प्रथा बंद करने, कॉलेजों में सभी छात्राओं का नि:शुल्क नामांकन लेने और छात्रवृत्ति देने की मांग शामिल है.

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