श्री सिंह कोल इंडिया चेयरमैन का प्रभार लेने के बाद पहली बार झारखंड आये हैं. उन्होंने रविवार को रजरप्पा मंदिर में पत्नी के साथ पूजा-अर्चना की. पत्रकारों से बात करते हुए श्री सिंह ने कहा कि कोल इंडिया ने पिछले वर्ष की तुलना में अब तक 28 फीसदी अधिक कोयले का उत्पादन किया है. डिस्पैच में 17 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गयी. देश में ऊर्जा की मांग में हर साल 10.5 फीसदी की बढ़ोतरी हो रही है. कोल इंडिया देश की इस जरूरत को पूरा करने में सक्षम है.
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देश की ऊर्जा जरूरत पूरा करने में सक्षम है कोल इंडिया : गोपाल सिंह
रजरप्पा/रांची: कोल इंडिया के प्रभारी चेयरमैन गोपाल सिंह ने कहा है कि कंपनी देश की ऊर्जा जरूरत पूरा करने में सक्षम है. देश में कोयले का संकट नहीं है. बढ़ती जरूरत के हिसाब से कंपनी अपनी रणनीति बनाती है. कोल इंडिया देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी है, जो देश का अधिकतम ऊर्जा जरूरत को […]
रजरप्पा/रांची: कोल इंडिया के प्रभारी चेयरमैन गोपाल सिंह ने कहा है कि कंपनी देश की ऊर्जा जरूरत पूरा करने में सक्षम है. देश में कोयले का संकट नहीं है. बढ़ती जरूरत के हिसाब से कंपनी अपनी रणनीति बनाती है. कोल इंडिया देश की सबसे बड़ी कोयला कंपनी है, जो देश का अधिकतम ऊर्जा जरूरत को पूरा करने में मदद करती है. इसकी उपस्थिति आठ राज्यों में है.
मगध कर सकता है 75 मिलियन टन कोयला उत्पादन
विश्व बैंक के सहयोग से संचालित एशिया की सबसे बड़ी कोयला परियोजना मगध के बारे में श्री सिंह ने कहा कि यह 75 मिलियन टन कोयले का उत्पादन कर सकता है. यहां कोयला डिस्पैच की सुविधा नहीं होने के कारण फिलहाल परियोजना का उत्पादन कम कर दिया गया है. कोल इंडिया की नजरें टोरी-शिवपुर रेल परियोजना पर टिकी है. इससे मगध से उत्पादित कोयले को देश के कोने-कोने तक पहुंचाया जा सके.
गोयल के रेल मंत्री बनने से होगा फायदा
श्री सिंह ने कहा कि कोयला राज्य मंत्री पीयूष गोयल को रेलमंत्री बनाये जाने का फायदा कोल इंडिया को भी होगा. रेल मंत्रालय और कोयला मंत्रालय दोनों मिलकर विकास के नये आयाम गढ़ेंगे. बताया कि श्री गोयल ने टोरी-शिवपुर लाइन के लिए पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु से भी मुलाकात की थी. अब कोयला मंत्री ही रेल मंत्री भी हैं. इससे इस परियोजना की पूरा होने उम्मीद बढ़ गयी है.
विदेशी कंपनियों पर निर्भरता अस्थायी
एक सवाल के जवाब में श्री सिंह ने कहा कि निजी क्षेत्र की कुछ कंपनियां विदेशों से कोयला मंगा रही है. लेकिन विदेशी कंपनियों पर उनकी निर्भरता अस्थायी है. उन्हें आने वाले दिनों में कोयले की कीमत कोल इंडिया से अधिक चुकानी पड़ सकती है. उन्होंने कहा कि कोयला का दाम प्रतिवर्ष बढ़नी चाहिए.
चंद्रप्रकाश ने किया स्वागत
राज्य के पेयजल व स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी ने रजरप्पा में श्री सिंह का स्वागत किया. गोपाल सिंह ने रजरप्पा में ही प्रबंधक के रूप में कैरियर की शुरुआत की थी. श्री चौधरी भी रजरप्पा में भी एक कोयला श्रमिक थे. मौके पर स्टील ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (सेल) के निदेशक कार्मिक डी के सामा, महाप्रबंधक के एल कुंडू, पीओ आर के सिन्हा, वाशरी पीओ डी सी त्रिपाठी, संजीव कुमार, बीके साहू, आरके पांडेय, जिप अध्यक्ष ब्रहमदेव महतो, भामस नेता एसएन सिंह, सीडी सिंह, एसवीएम के प्राचार्य संजीव कुमार, सुधाकर सिंह सहित अन्य मौजूद थे.
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