रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने पिछले दो साल की अवधि में 37 बावर्ची, 81 चपरासी के अलावा असिस्टेंट, निजी सहायक, प्रशाखा पदाधिकारी, डिप्टी रजिस्ट्रार व अन्य प्रकार के 300 पदों की जरूरत बतायी है. हाइकोर्ट में फिलहाल 100 चपरासी कार्यरत हैं. रजिस्ट्रार जनरल की ओर से सरकार को लिखे गये पत्र में हाइकोर्ट में माननीय न्यायाधीशों की संख्या बढ़ा कर 25 किये जाने की वजह से इन पदों की जरूरत बतायी गयी है.
रजिस्ट्रार जनरल की ओर से अगस्त 2016 में लिखे गये पत्र (9070) में कुल 99 पदों की आवश्यकता बतायी गयी थी. इनमें 37 बावर्ची और 62 चपरासी का पद शामिल हैं. पत्र में बावर्ची की जरूरत का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि प्रत्येक न्यायाधीश को एक-एक बावर्ची, प्रिंसिपल डिस्ट्रिक्ट जज स्तर के रजिस्ट्रार को एक-एक और प्रति ज्वाइंट रजिस्ट्रार को एक-एक बावर्ची की जरूरत है.
पत्र में कहा गया है कि माननीय न्यायाधीशों के आवासीय कार्यालय के लिए एक-एक अतिरिक्त चपरासी के हिसाब से 25 चपरासी की आवश्यकता है. प्रत्येक कोर्ट रूम के हिसाब से एक-एक अतिरिक्त चपरासी के हिसाब से 25 चपरासी और रजिस्ट्री मेंबर्स के लिए 12 चपरासी की जरूरत है. इन 99 पदों पर सालाना 2.17 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है.
10 अप्रैल 2017 को लिखे गये पत्र (1478) में 43 एक्स कैडर असिस्टेंट की जरूरत बतायी गयी है और इन पदों पर सालाना 1.55 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान लगाया गया है. हाइकोर्ट में माननीय न्यायाधीशों की संख्या में बढ़ोतरी के मद्देनजर जनवरी 2015 में सरकार को लिखे गये पत्र (978) में 15 चपरासी, सात फरास, नौ स्वीपर, सात माली, 10 जमादार, 41 सहायक, 10 असिसटेंट रजिस्ट्रार, पांच कोर्ट मास्टर, पांच सचिव सहित अन्य प्रकार के कुल 151 पदों की आवश्यकता बतायी गयी थी. रजिस्ट्रार जनरल की ओर से सितंबर 2016 में लिखे गये पत्र (10939) में कुल सात पदों की जरूरत बतायी गयी थी. इसमें तीन चपरासी और चार असिस्टेंट के पद शामिल हैं.