विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रतिवेदन व राज्य गठन के पूर्व बिहार सरकार द्वारा संस्कृत कॉलेजों को लेकर जारी दिशा-निर्देश पर भी विचार किया गया. राज्य गठन के पूर्व सभी संस्कृत कॉलेजों का संचालन कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के द्वारा किया जाता था. राज्य गठन के बाद झारखंड के सभी संस्कृत कॉलेजों का संचालन विनोबाभावे विश्वविद्यालय के तहत होता है. शिक्षक व कर्मचारियों का वेतन भुगतान भी विनोबाभावे विवि हजारीबाग द्वारा किया जाता है. बिहार में वर्तमान में कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के अंतर्गत सभी संबद्ध अंगीभूत एवं संबद्धता प्राप्त महाविद्यालय के शिक्षक व कर्मचारियों को पेंशन व ग्रेच्यूटी की सुविधा प्रदान की जाती है. झारखंड में तीन संबद्धता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालय हैं. वैद्यनाथ कमल कुमारी संस्कृत महाविद्यालय, उपशास्त्री संस्कृत महाविद्यालय डालटनगंज, संस्कृत हिंदी विद्यापीठ झारखंडधाम गिरिडीह है. इनमें से दो कॉलेज में उप शास्त्री व एक में शास्त्री स्तर की पढ़ाई होती है. कॉलेज में वर्तमान मेंं छह शिक्षक, दो थर्ड व पांच फोर्थ ग्रेड के कर्मचारी कार्यरत हैं. बैठक में विनोबाभावे विवि के कुलसचिव व विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे.
Advertisement
उच्च शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में हुई बैठक में बनी सहमति, संस्कृत कॉलेज के शिक्षकों को भी मिल सकेगी पेंशन
रांची : राज्य सरकार अब संस्कृत कॉलेज के शिक्षकों को भी पेंशन देगी. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सह कौशल विकास विभाग ने इसे लेकर प्रक्रिया शुरू की है. विभागीय स्तर पर इस पर सहमति भी बन गयी है. कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारियों को अल्पसंख्यक कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारियों की तरह पेंशन व अन्य […]
रांची : राज्य सरकार अब संस्कृत कॉलेज के शिक्षकों को भी पेंशन देगी. उच्च एवं तकनीकी शिक्षा सह कौशल विकास विभाग ने इसे लेकर प्रक्रिया शुरू की है. विभागीय स्तर पर इस पर सहमति भी बन गयी है. कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारियों को अल्पसंख्यक कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारियों की तरह पेंशन व अन्य सुविधाएं दी जायेंगी. उच्च शिक्षा निदेशक अबु इमरान की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस पर विचार किया गया.
विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध कराये गये प्रतिवेदन व राज्य गठन के पूर्व बिहार सरकार द्वारा संस्कृत कॉलेजों को लेकर जारी दिशा-निर्देश पर भी विचार किया गया. राज्य गठन के पूर्व सभी संस्कृत कॉलेजों का संचालन कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के द्वारा किया जाता था. राज्य गठन के बाद झारखंड के सभी संस्कृत कॉलेजों का संचालन विनोबाभावे विश्वविद्यालय के तहत होता है. शिक्षक व कर्मचारियों का वेतन भुगतान भी विनोबाभावे विवि हजारीबाग द्वारा किया जाता है. बिहार में वर्तमान में कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय दरभंगा के अंतर्गत सभी संबद्ध अंगीभूत एवं संबद्धता प्राप्त महाविद्यालय के शिक्षक व कर्मचारियों को पेंशन व ग्रेच्यूटी की सुविधा प्रदान की जाती है. झारखंड में तीन संबद्धता प्राप्त संस्कृत महाविद्यालय हैं. वैद्यनाथ कमल कुमारी संस्कृत महाविद्यालय, उपशास्त्री संस्कृत महाविद्यालय डालटनगंज, संस्कृत हिंदी विद्यापीठ झारखंडधाम गिरिडीह है. इनमें से दो कॉलेज में उप शास्त्री व एक में शास्त्री स्तर की पढ़ाई होती है. कॉलेज में वर्तमान मेंं छह शिक्षक, दो थर्ड व पांच फोर्थ ग्रेड के कर्मचारी कार्यरत हैं. बैठक में विनोबाभावे विवि के कुलसचिव व विभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे.
वित्त विभाग से लिया गया परामर्श
संबद्धता प्राप्त तीनों कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारियों के वेतन निर्धारण के लिए प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया था. वित्त विभाग ने अपने परामर्श में कहा है कि बिहार राज्य में अवस्थित संबद्ध संस्कृत महाविद्यालय एवं उप शास्त्री महाविद्यालयों के शिक्षक एवं कर्मियों के समान झारखंड में भी वेतनमान देने की स्वीकृति प्रदान करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है.
1.35 करोड़ सालाना व्यय का अनुमान
बैठक में राज्य के संबद्धता प्राप्त संस्कृत कॉलेज के शिक्षक व कर्मचारियों की पेंशन व ग्रेच्यूटी देने पर सहमति बनी. इस पर सालाना लगभग 1.35 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है. पेंशन व ग्रेच्यूटी देन को लेकर आगे की प्रक्रिया पूरी करने के लिए जल्द ही सभी संस्कृत कॉलेज के प्राचार्य व विनोबाभावे विवि के अधिकारियों के साथ बैठक होगी. बैठक के बाद प्रस्ताव को आगे की कार्रवाई के लिए अग्रसारित किया जायेगा.
विद्यार्थियों की संख्या लगातार हो रही है कम
राज्य में वर्तमान में छह संस्कृत कॉलेज हैं, जिनमें से तीन सरकारी संस्कृत कॉलेज हैं. कॉलेज में विद्यार्थियों की संख्या लगातार कम हो रही है. कुछ कॉलेज में तो विद्यार्थियों की संख्या एक शैक्षणिक सत्र में दस से भी कम है. संस्कृत कॉलेज रांची में शैक्षणिक सत्र 2016-17 में शास्त्री संकाय पार्ट वन में 16, पार्ट टू में 18 व पार्ट थ्री में मात्र छह विद्यार्थी हैं. वहीं, उपशास्त्री में नौ विद्यार्थी हैं. राज्य के सभी संस्कृत कॉलेजों में विद्यार्थियों की संख्या इसी प्रकार है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement