गुमला : गुमला सदर अस्पताल में इलाज के अभाव में एक और बच्चे को अपनी जान गंवानी पड़ी. सिसई प्रखंड के बरगांव निवासी सुरेश महली व सावित्री देवी के छह साल के बेटे राजदेव महली की मंगलवार को मौत हो गयी. राजदेव पिछले 14 दिन से बीमार था. उसे उल्टी हो रही थी. शरीर में […]
गुमला : गुमला सदर अस्पताल में इलाज के अभाव में एक और बच्चे को अपनी जान गंवानी पड़ी. सिसई प्रखंड के बरगांव निवासी सुरेश महली व सावित्री देवी के छह साल के बेटे राजदेव महली की मंगलवार को मौत हो गयी. राजदेव पिछले 14 दिन से बीमार था. उसे उल्टी हो रही थी. शरीर में खून की भी कमी थी.
परिजनों का आरोप है कि अगर डॉक्टर इलाज करते, तो उसकी जान बच सकती थी. पिता सुरेश ने बताया कि सोमवार को वह अपने बीमार बेटे को लेकर सिसई रेफरल अस्पताल गया. पर रात 10.15 बजे प्राथमिक उपचार के बाद उसे गुमला अस्पताल रेफर कर दिया गया. सुरेश ने बताया कि वह गाड़ी की व्यवस्था कर बेटे को लेकर किसी तरह गुमला सदर अस्पताल पहुंचा.
डॉक्टर ने प्राथमिक जांच के बाद स्लाइन चढ़ाने को कहा. रात भर में सिर्फ आधी स्लाइन चढ़ी. इस दौरान डॉक्टर एक बार भी देखने नहीं आया. मंगलवार सुबह बताया गया कि उसके बेटे के शरीर में खून की कमी है. सुरेश के पास पैसे नहीं थे. पैसे की व्यवस्था करने वह पहले अपने गांव गया. वहां से पैसे लेकर आया. इसके बाद एक यूनिट खून की व्यवस्था कर अस्पताल पहुंचा. पर तब तक उसके मासूम बेटे की मौत हो चुकी थी.
डॉक्टर से धक्का मुक्की की : पुत्र की मौत के बाद सुरेश को गहरा धक्का लगा. उसने अपने होश खो दिये और अस्पताल की डॉक्टर नम्रता टोप्पो से उलझ गया. अपने बेटेे की मौत के लिए उसने डॉक्टर को जिम्मेदार बताया. उसने डॉक्टर के साथ धक्का मुक्की की. किसी प्रकार मामले को शांत कराया गया. इसके बाद वाहन की व्यवस्था कर पुत्र के शव को गांव ले गया.