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जेपीएससीसी की अनुशंसा नहीं मानती है सरकार

रांची : झारखंड सरकार राज्य लोक सेवा आयोग की अनुशंसा भी नहीं मानती है. आयोग ने बीते साल अक्तूबर माह में ही गव्य निदेशक के नाम की अनुशंसा की थी. करीब नौ माह गुजरने वाले हैं, इसके बावजूद अब तक डॉ कृष्ण मुरारी की नियुक्ति का आदेश नहीं निकला है. रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के […]

रांची : झारखंड सरकार राज्य लोक सेवा आयोग की अनुशंसा भी नहीं मानती है. आयोग ने बीते साल अक्तूबर माह में ही गव्य निदेशक के नाम की अनुशंसा की थी. करीब नौ माह गुजरने वाले हैं, इसके बावजूद अब तक डॉ कृष्ण मुरारी की नियुक्ति का आदेश नहीं निकला है. रांची पशु चिकित्सा महाविद्यालय के शिक्षक डॉ आलोक कुमार पांडेय का कार्यकाल समाप्त होने के बाद जेपीसीएससी ने गव्य निदेशक की नियुक्ति के लिए इंटरव्यू का आयोजन किया था.

इसमें डॉ मुरारी के नाम की अनुशंसा की गयी थी. डॉ पांडेय का कार्यकाल समाप्त होने के बाद विभाग के संयुक्त निदेशक शैलेंद्र कुमार को प्रभारी निदेशक बनाया गया था. श्री कुमार को कार्यकाल 31 अगस्त को समाप्त हो रहा है. अब तक नये स्थायी निदेशक की अधिसूचना जारी नहीं हुई है.

प्रमाण पत्रों की जांच के लिए भेजा गया है : जेपीएससी से अनुशंसा के बाद भी डॉ मुरारी के प्रमाण पत्रों की जांच के लिए उनके पैतृक विभाग को भेजा गया. वहां से प्रमाण पत्रों के संबंध में जानकारी आ गयी है. इसे अब जेपीएससी भेजा गया. वहां से रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जायेगी. वैसे आवेदन करते समय डॉ मुरारी ने सभी प्रमाण पत्र जमा कराये थे.
पूर्व में नहीं मानी गयी है कृषि निदेशक की अनुशंसा : करीब 10 साल पहले जेपीएससी ने कृषि निदेशक के पद के लिए विभाग के ही अधिकारी एस महालिंगा शिवा और बिरसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि भौतिकी विभाग के अध्यक्ष डॉ ए बदूद के नाम की अनुशंसा की थी. श्री महालिंगा शिवा की अनुशंसा को विभाग ने नहीं माना था. इसके बावजूद विभाग में प्रभार निदेशक के पद पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को पदस्थापित किया जा रहा है.

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