राजधानी रांची में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री भगत ने सरकार की ओर से टाना भगत विकास प्राधिकार का गठन करने के फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद सरकार ने प्राधिकार का गठन कर सराहनीय काम किया है, लेकिन प्राधिकार में जिनके हक की बात की जा रही है, उनका प्रतिनिधित्व नहीं है. सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.
इसी प्रकार जिलों में भी प्राधिकार का अध्यक्ष भी टाना भगत के बीच से ही बनाना चाहिए. श्री भगत ने कहा कि अंग्रेजों की गुलामी के खिलाफ टाना भगतों ने आंदोलन किया, एक बार फिर से उन्हें अधिकारियों के अंदर रह कर अपनी बात रखनी होगी. उन्होंने कहा टाना भगतों के उत्तराधिकारी दाखिल खारिज (सक्सेेशन म्यूटेशन) की गति धीमी है, जिसकी वजह से टाना भगतों के वंशजों को जमीन का मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है. टाना भगतों की मालगुजारी को माफ कर सेस दिया जाना चाहिए. गंगा टाना भगत ने कहा कि 30 अगस्त को बेड़ो में मुक्ति दिवस समारोह का आयोजन किया गया है. इसमें टाना भगतों के जमीन, उत्तराधिकारी समेत अन्य समस्याओं पर विचार किया जायेगा.